बंगाल ने चौकाया: ममता ने खोई 12 सीटें, भाजपा का 18 पर कब्जा, कांग्रेस दो

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चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दावा करते रहे थे कि पश्चिम बंगाल के परिणाम चौंकाने वाले होंगे। इस दावे को सच साबित करते हुए बंगाल में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है।



कोलकाता, 23 मई (हि.स.)। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दावा करते रहे थे कि पश्चिम बंगाल के परिणाम चौंकाने वाले होंगे। इस दावे को सच साबित करते हुए बंगाल में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है। साथ ही माकपा, तृणमूल और कांग्रेस की सीटें भी छीनने में सफल रही है। राज्य में 2014 में 34 सीटें जीतने वाली तृणमूल कांग्रेस 22 सीटों पर सिमट गई है। दो सीटें जीतने वाले माकपा का सूपड़ा साफ हो गया है और 2014 में चार सीटों पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस दो सीटों पर सिमट गई है। इधर दो सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा ने इस बार 18 सीटों पर कब्जा जमाया है।

दो सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है – एक बहरमपुर (मुर्शिदाबाद जिला) से अधीर रंजन चौधरी और मालदा दक्षिण से अबू होसेम खान चौधरी। इन दोनों ने वर्ष 2014 में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। भाजपा ने इन सीटों पर दर्ज की थी, बाकी 18 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने कब्जा जमाया है। वह है अलीपुरद्वार से जॉन बार्ला, आसनसोल से बाबुल सुप्रियो, बालूरघाट से सुशान्त मजूमदार, बनगांव से शांतनु ठाकुर, बांकुड़ा से डॉक्टर सुभाष सरकार, बैरकपुर से अर्जुन सिंह, विष्णुपुर से डॉक्टर सौमित्र खान, बर्दवान दुर्गापुर से सुरेंद्र सिंह आहलूवालिया, कूचबिहार से निशिथ प्रमाणिक, दार्जिलिंग से राजू बिष्ट, हुगली से लॉकेट चटर्जी, जलपाईगुड़ी से डॉक्टर जयंत कुमार रॉय, झाड़ग्राम से कोनार हेंब्रम, मालदा उत्तर से खगेन मुर्मू, मेदनीपुर से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, पुरुलिया से ज्योतिर्मय महतो, रायगंज से देव श्री चौधरी और राणाघाट से जग्गनाथ सरकार। बाकी बची 22 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने कब्जा जमाया है।
ममता ने नहीं मनाया जश्न – 2014 में जब पूरे देश में मोदी लहर ने अपना असर दिखाया था, तब भी पश्चिम बंगाल अछूता रहा था।लेकिन इस बार भाजपा की बढ़त ने ममता बनर्जी को परेशान कर दिया है। हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने चुनाव बाद मीडिया से बात तक नहीं की। यहां तक कि जिन सीटों पर जीत दर्ज की, उसका जश्न भी नहीं मनाया है। समर्थकों को घर आने से मना कर दिया है और कालीघाट स्थित अपने आवास पर कुछ चुनिंदा नेताओं के साथ ही बात कर रही हैं। पश्चिम बंगाल शुरू से भाजपा और नरेन्द्र मोदी के एजेंडे में था। 42 लोकसभा सीटों वाले इस राज्य में नरेंद्र मोदी ने कुल 17 रैलियां की। रैलियों में आने वाली भीड़ और प्रधानमंत्री को मिलने वाली प्रतिक्रिया से साफ था कि जमीन पर कुछ हो रहा था। यह चुनाव परिणाम में भी नजर आ रहा है।


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