प्रियंका शर्मा की रिहाई में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई
नई दिल्ली, 15 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की फोटोशॉप्ड इमेज शेयर करने के मामले में बीजेपी नेता प्रियंका शर्मा की रिहाई में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई है। प्रियंका शर्मा की ओर से वकील नीरज किशन कौल ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को मेंशन करते हुए कहा कि उन्हें अभी तक रिहा नहीं किया गया है। राज्य की पुलिस ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट भी दाखिल की है। इसलिए माफी मांगने का कोई मतलब नहीं बनता है। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगता है गिरफ्तारी मनमाने तरीके से की गई। हमने तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था। अगर रिहाई में और देरी हुई तो हम अवमानना का नोटिस जारी करेंगे।
उसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि प्रियंका शर्मा को आज सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर रिहा कर दिया गया है। उसके बाद कोर्ट ने नीरज किशन कौल से कहा कि आप कंफर्म कर बताइए कि रिहा किया गया कि नहीं। तब नीरज किशन कौल ने भी कंफर्म कर कोर्ट को बताया कि प्रियंका शर्मा को रिहा कर दिया गया है। नीरज किशन कौल ने आरोप लगाया कि रिहाई के पहले माफीनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार के खिलाफ एक अवमानना याचिका दायर करेंगे। साथ ही मांग करेंगे कि माफीनामे का आदेश वापस लिया जाए।
पिछले 14 मई को सुप्रीम कोर्ट ने प्रियंका शर्मा को जमानत दे दी थी। कोर्ट ने प्रियंका शर्मा को निर्देश दिया था कि वो जमानत पर बाहर निकलने पर माफी मांगें। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्या किसी राजनीतिक दल के नेता को अपमानजनक या राजनीतिक व्यंग्य वाले पोस्ट करने पर कार्रवाई की जा सकती है। इससे जुड़े कानून पहलुओं पर जुलाई में सुनवाई होगी।
प्रियंका शर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने कहा था कि ये संवैधानिक अधिकारों का हनन है। एक मीम शेयर करने के लिए 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रियंका शर्मा को माफी मांग लेनी चाहिए। क्या वो माफी नहीं मांग सकती हैं। हम इस आधार पर जमानत दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस सुझाव का संजय किशन कौल ने विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने लोगों के अधिकारों की रक्षा की है। तब कोर्ट ने कहा कि वो बीजेपी की नेता हैं कोई आम आदमी नहीं।
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि आपके नेता के साथ हो तो आप भी विरोध करेंगे। तब कौल ने बीजेपी नेताओं पर कई सारे मीमों और कार्टूनों को दिखाने की कोशिश की और कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। हम उन्हें माफी मांगने के लिए दबाव क्यों बनाएं। तब जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता लेकिन क्या इसका इस्तेमाल दूसरे के अधिकारों का उल्लंघन कर किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने उस मीम की आलोचना की। कोर्ट ने कहा था कि ये गलत है कि किसी दूसरे का चेहरा किसी दूसरे के शरीर के साथ लगा दें।
इस फोटोशॉप इमेज में ममता को मेट गाला इवेंट में एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा की लुक की तरह दिखाया गया है।