प्रधानमंत्री मोदी ने ‘राष्ट्रीय समर स्मारक’ राष्ट्र को समर्पित किया
नई दिल्ली, 25 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली में इंडिया गेट के समीप बने राष्ट्रीय समर स्मारक (नेशनल वॉर मेमोरियल) को राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण व सेना के तीनों अंगों के प्रमुख मौजूद थे। यह स्मारक रक्षा मंत्रालय द्वारा बनाया गया है। यह देश का अपनी तरह का पहला युध्द स्मारक है। अब देश में सेना के सभी कार्यक्रम राष्ट्रीय समर स्मारक पर होंगे, जो अब तक इंडिया गेट पर होते थे।
राष्ट्रीय समर स्मारक को देश को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा दशकों पुराना इंतजार अब खत्म हो गया है। चाहे समस्याएं दुश्मनों या प्रकृति के कारण आई हों, देश की रक्षा के लिए सैनिक हमेशा सबसे आगे रहे हैं। नया भारत अब नए लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ रहा है, और यह उनके समर्पण के कारण है। जब लता दीदी ने ‘ए मेरे वतन के लोगों’ गाया था, हम सभी भावुक हो गए थे। इस स्मारक के साथ, हमने भारतीयों के लिए एक और तीर्थ स्थान बनाया है। हम उम्मीद करते हैं कि हर भारतीय ‘राष्ट्रीय समर स्मारक’ आए और हमारे बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दें।
दुनिया के अधिकांश देशों में युध्द स्मारक बनाए जा चुके हैं। भारत में भी 1960 से युद्ध स्मारक बनाने की चर्चा चल रही थी। वह स्वप्न आज जाकर पूरा हुआ है। यह देश का पहला स्मारक है, जिसमें भारतीय सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हुए 25 हजार 942 जवानों के नाम अंकित किए गए हैं। राष्ट्रीय समर स्मारक के विन्यास में चार संकेंद्री वृत्त ‘अमर चक्र’, ‘वीरता चक्र’, ‘त्याग चक्र’ और ‘रक्षक चक्र’ शामिल हैं। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक परिसर में एक केंद्रीय चतुष्कोण स्तंभ, एक शाश्वत लौ और भारतीय थल सेना, वायु सेना और नौसेना द्वारा लड़ी गई प्रसिद्ध लड़ाइयों को दर्शाती छह कांस्य भित्ति चित्र शामिल हैं। परमवीर चक्र से सम्मानित 21 पुरस्कार विजेताओं की अर्धप्रतिमा परम योद्धा स्टाल पर लगाई गई हैं, जिसमें तीन जीवित पुरस्कार विजेता सूबेदार(मानद कैप्टन) बाना सिंह (सेवानिवृत्त), सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव और सूबेदार संजय कुमार शामिल हैं।
भारत में ‘राष्ट्रीय समर स्मारक’ (नेशनल वॉर मेमोरियल) बनाने की बात सबसे पहले भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने 1960 में की थी, जब देश के प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू थे। नेहरू के बाद से नरेन्द्र मोदी के पहले प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में इसे लेकर काम शुरू नहीं हो पाया। मई, 2014 में एनडीए की सरकार आने के बाद साल 2015 में राष्ट्रीय समर स्मारक बनाने को मंजूरी दे दी गई। 25 फरवरी, 2019 को इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया। 40 एकड़ में फैले इस वॉर मेमोरियल को बनाने में मात्र 176 करोड़ रूपये व्यय आया है।
नई दिल्ली में इंडिया गेट के समीप बने इस राष्ट्रीय समर स्मारक में देश के आम लोग निःशुल्क जा सकते हैं। जहां ये आजाद भारत में देश के लिए शहीद हुए 25942 जवानों के नाम देख सकेंगे, जो स्मारक में हर एक ईंट पर दर्ज हैं। इतना ही नहीं परमवीर चक्र विजेताओं की प्रतिमाओं के अलावा भारत के अब तक हुए युध्दों की दास्तान से भी आम लोग रूबरू हो सकेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय समर स्मारक में आकर्षक रोशनी सज्जा की जाएगी। साथ ही विशेष अवसर पर कार्यक्रमों का आयोजन होगा।