प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन एवं आईसीडीएस के लंबित मामलों के निष्पादन का निर्देश

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बेगूसराय, 21 जनवरी (हि.स.)। बेगूसराय में बाल विकास सेवा परियोजना (आईसीडीएस) से संबंधित सभी लंबित मामलों का त्वरित गति से निष्पादन किया जाएगा। डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने यह आदेश शुक्रवार को कारगिल विजय सभा भवन में समन्वित बाल विकास योजना के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं के प्रगति की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिया है। बैठक के दौरान डीएम ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को विगत बैठक में दिए गए निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन करने के साथ-साथ कार्यालय में प्राप्त परिवादों की नियमित समीक्षा कर सभी लंबित मामलों का निष्पादन करने, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना एवं मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना से संबंधित लंबित मामलों के निष्पादन, न्यायलय में लंबित मामलों, सेवांत लाभ से संबंधित मामलें, सेविका-सहायिका चयन के कार्यों को अविलंब पूर्ण करने तथा कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के क्रियान्वयन की परियोजनावार समीक्षा के दौरान डीएम ने द्वितीय किस्त के 205, तृतीय किस्त के 3471 तथा स्वीकृति के लिए लंबित 512 मामलों को अगली बैठक से पूर्व शत-प्रतिशत निष्पादित करने का निर्देश दिया।

इस दौरान सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को जन्म प्रमाण-पत्र एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र से संबंधित प्राप्त आवेदनों को निर्धारित अवधि के अंदर निष्पादित करते हुए प्रमाण-पत्र जारी करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की समीक्षा के क्रम में योजना के क्रियान्वयन की गति में वृद्धि करने तथा महिला पर्यवेक्षिका एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को ऑनलाईन तथा ऑफलाईन प्राप्त आवेदनों की नियमित रूप से समीक्षा करते हुए योजना संबंधी कार्यों को निष्पादित करने का निर्देश दिया। समीक्षा के दौरान डीएम ने सेविका के रिक्त 86 एवं सहायिका के रिक्त 96 पदों को भी अविलंब भरने का निर्देश दिया। उन्होंने वाद-परिवाद से संबंधित मामलों की भी समीक्षा की तथा जिले में लंबित 429 परिवादों पर गहरा असंतोष व्यक्त किया तथा सभी लंबित मामलों को अगली बैठक से पूर्व निष्पादित करने का निर्देश दिया।

इस दौरान उन्होंने विगत पांच माह के दौरान साहेबपुर कमाल, नावकोठी, खोदावंदपुर, छौड़ाही, मंसूरचक एवं गढ़पुरा परियोजना में शून्य मामलों के निष्पादन पर खेद प्रकट किया। डीएम ने आंगनबाड़ी ऐप के माध्यम से किए जाने वाले निरीक्षण कार्यों को भी नियमित रूप से करने का निर्देश दिया। इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण के लिए भूमि तथा मनरेगा के सहयोग से निर्माण किए जाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों के मामले में संबंधित विभाग से समन्वय स्थापित कर कार्य में प्रगति लाने का निर्देश दिया गया। इससे पूर्व आईसीडीएस के डीपीओ ने बताया कि जिले में स्वीकृत आंगनबाडी केंद्रों की संख्या 3351 है, जिसमें वर्तमान में 3230 आंगनबाड़ी केंद्र क्रियाशील हैं। 419 आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन है, जबकि 2295 किराये के भवन में तथा 407 अन्य सरकारी भवनों में कार्यरत है।


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