प्रधानमंत्री बोले- शहरों के विकास में आम लोगों को भी शामिल करना जरूरी काशी में हुआ विकास पूरे देश के विकास का रोड मैप बन सकता है: प्रधानमंत्री मोदी

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वाराणसी, 17 दिसम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को वर्चुअल श्री काशी विश्वनाथ धाम यात्रा के तहत अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन का उद्घाटन किया। बड़ालालपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में आयोजित सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने सभी महापौरों का आह्वान कर कहा कि आप सभी अपने कार्यकाल में अपने-अपने शहर को कुछ न कुछ जरूर दें, ताकि वह इतिहास और एक दिशा बने और कई वर्षों बाद भी उसका जिक्र लोग करें।

प्रधानमंत्री ने काशी विकास माडल अपनाने पर जोर देकर कहा कि काशी में हुआ विकास पूरे देश के विकास का रोड मैप बन सकता है। देश में ज्यादातर शहर पारंपरिक तरीके से ही विकसित हुए हैं। ऐसे में आधुनिकीकरण के इस दौर में इन शहरों की प्राचीनता भी उतनी ही अहमियत है। हमारा शहर स्वच्छ रहे और स्वस्थ भी रहे, ये हमारा प्रयास होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें आज कायाकल्प की जरूरत है। पुराना जो कुछ भी है, उसे सहेजकर आधुनिक युग की ओर बढ़ें और विकास करें। अपने विरासत को सहेजने के लिए हम नई-नई तकनीक सीख सकते हैं। स्थानीय उत्पाद कैसे शहर की पहचान बन सकते हैं, हम यह सीख सकते हैं। भारत को रिवॉल्यूशन की नहीं इवॉल्यूशन की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का लगभग सभी प्रमुख शहर नदियों के किनारे स्थित है। नदी के प्रति संवदेनशील एप्रोच रखने की अपील कर उन्होंने कहा कि सभी नगर जो नदियों के तट पर स्थित हैं वो अपने यहां नदियों की महत्ता को बनाये रखने और स्वछता को बनाये रखने के लिए मेयर नदी उत्सव का आयोजन करें। इसमें नदियों में सफाई का काम, नदी का इतिहास, उससे सम्बंधित प्रतियोगिता, नदी के तट पर घटित घटनाओं पर आधारित कार्यक्रम, नदी के तट पर समारोह कवि सम्मलेन, सांस्कृतिक प्रोग्राम आदि आयोजित कर नदियों को एक बार फिर से जीवंत बनाएं। हम साल में सात दिन के लिए नदी उत्सव मनाएं। पूरे शहर के लोगों को जोड़कर जल स्रोतों को बचाने के लिए जागरूक करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने नगर का जन्मदिन एक महत्वपूर्ण दिन है, जिन्हे नहीं पता है वो पता करें कि किस दिन नगर अस्तित्व में आया और कितना वर्ष पुराना है है आप का नगर। उन्होंने कहा कि पूरे तामझाम के साथ नगर का जन्मदिन मनाये। शहर में उत्सव जैसा माहौल हो। कई प्रतियोगिताएं आयोजित करें ताकि लोग शहर के इस आयोजन से जुड़ें। सिर्फ स्कूल-कालेज के एनसीसी के छात्र-छात्राएं ही नहीं आम आदमी के लिए भी प्रतियोगिताएं रखें। इससे नगर में एक नया उत्साह आयेगा। प्रधानमंत्री ने सभी मेयरों को अपने शहर की एक खास पहचान बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि नगर में कोई ऐसा चौराहा या जगह चुन कर कोई ऐसा कार्य करें जो शहर की पहचान बन जाए।

प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र में आये महापौरों का स्वागत कर कहा कि काशी के सांसद के नाते मेरी काशी में सबका हृदय से स्वागत है। मेरे लिए यह बहुत सौभाग्य की बात होती यदि मैं मेरी काशी में रहकर आप सबका स्वागत करता लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि काशीवासियों ने आपके स्वागत में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेयर सम्मेलन में भावी भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपने विचारों को एक-दूसरे से साझा करें। सभी शहरों को एक वाइब्रेंट शहर बनाने के लिए आप जी-जान से प्रयास करेंगे, इसका मुझे पूरा विश्वास है। आप सभी अपने-अपने शहर को कुछ न कुछ जरूर देना चाहते होंगे। ताकि वह इतिहास और एक दिशा बने और कई वर्षों बाद भी उसका जिक्र हो। उन्होंने कहा कि आप सभी काशी पहले भी आए होंगे। आप पुरानी यादों के साथ पुराने और नए काशी को देखें। काशी के विकास पर हम सबको मंथन से ही नए विचार और नई कल्पना मिलेगी।

पीएम स्वनिधि योजना को लेकर की अपील

अपने सम्बोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने पीएम स्वनिधि योजना को लेकर बड़ी अपील की। उन्होंने कहा कि सभी मेयर अपने शहर के ठेला-पटरी व्यापारियों को जागरूक करें। वह ब्याज पर साहूकार से पैसे लेते हैं और फिर उसी के चक्कर में फंस जाते हैं। योजना के बारे में व्यापारियों को प्रेरित करें। दिव्यांगजनों की सहूलियत का ध्यान रखें। डिजिटल पेमेंट के लिए ठेला-पटरी व्यापारियों को प्रेरित करें। सभी मेयर काशी की धरती से मां गंगा के तट से संकल्प लेकर जाएं कि वह पीएम स्वनिधि योजना से व्यापारियों को लाभ दिलाएंगे। उन्हें डिजिटल पेमेंट की ट्रेनिंग दिलाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कोरोना काल का उल्लेख कर कहा कि छोटे कामगारों ने कैसे लोगों की कोरोना काल में मदद की। कोरोना काल में अच्छे-अच्छे लोगों ने देख लिया कि इनके बिना जीना मुश्किल है। दो दिन सब्जी वाला नहीं आया, अखबार वाला नहीं है, सफाई वाला नहीं है तो हम परेशान होते थे। इनके भरोसे हमारे जिंदगी चलती है। कोरोना ने उनकी ताकत का एहसास करा दिया। हम इनको कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे। इनकी मुसीबतों को हम हमेशा देखेंगे। प्रधानमंत्री ने महापौरों से कहा कि अपने निगम क्षेत्र में रेहड़ी-पटरी वालों को समृद्ध बनाएं।

बिजली बचाने पर दिया जोर
प्रधानमंत्री ने महापौर सम्मेलन में बिजली बचाने पर खासा जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने शहर के प्रथम नागरिक हैं। इसी कारण आपकी जिम्मेदारी भी काफी बड़ी है। अपने शहर के विकास का रोडमैप आपको तय करना है। इतना ही नहीं आप को बचत के साथ बड़ा काम करना है। उन्होंने कहा कि अपने शहर के बारे में आप आपको तय करना चाहिए कि मेरे शहर की हर गली में हर बल्ब एलईडी हो। इससे नगर पालिका, महानगर पालिका के बिजली का बिल काफी कम हो जाएगा और रोशनी भी अच्छी मिलेगी। उस प्रकार से अपने शहर के हर घर में भी एलईडी बल्ब उपलब्ध हो, इससे मध्यम वर्ग के घरों में बिजली का बिल कम होगा।
काशी की अर्थव्यवस्था में मां गंगा का बड़ा योगदान

प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी के गंगा घाट पर दुनियाभर के पर्यटक आते हैं। काशी की अर्थव्यवस्था को चलाने में मां गंगा को बहुत बड़ा योगदान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हमारा शहर है। उसके लिए ध्यान देना होगा। जहां पर नए उद्योग लग सकते हों वहां ऐसा करना होगा। मजदूरों के लिए वहां पर ही आवास की चिंता करनी होगी। विकास का स्थानीय माडल बनाना होगा। उन्होंने बनारस का उल्लेख कर कहा कि यहां बनारसी पान का हर जगह नाम है। वैसे ही कहीं खेलकूद का साधन बन रहा है कहीं कुछ और। हमें इसे बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने बनारसी साड़ी का भी उदाहरण दिया।

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के किसी भी कोने में शादी हो लोग बनारसी साड़ी चाहते हैं। पटना, हैदराबाद, चेन्नई में भी कोई न कोई चीज बढ़िया है। यही हमारे लिए सबसे बड़ी ताकत है। यानी शहरों का विकास को एक नए स्तर पर हमें ले जाना है। उन्होंने कहा कि यह छोटी पहल आर्थिक उन्नति का साधन बन सकेगा। शहरों के विकास के लिए लोगों को भी शामिल करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोगों की भागीदारी जितनी अधिक होगी, शहरों के लिए उतना ही बेहतर होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप देखते हैं शहरों में बढ़ती हुई जनसंख्या ट्रैफिक जाम से जूझती रहती है। हम फ्लाईओवर का जाल कितना भी बना दें पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को ठीक करना होगा। जब तक हम इन चीजों पर ध्यान नहीं देंगे जीवन सहज नहीं होगा

मेयर का पद राजनीति में आगे बढ़ने का मौका
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मेयर का पद राजनीति में आगे बढ़ने का बड़ा अवसर देता है। उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल का उदाहरण दिया कि वे पहले मेयर थे और बाद में भारतीय राजनीति के पुरोधा पुरुष बने। प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में आये मेयरों से सुझाव भी मांगा। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य को साझा करें। वे सीखना चाहते हैं और काशी में उसे लागू करना चाहता हैं। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि सीखने के क्रम में मैं पहला विद्यार्थी बनना चाहूंगा। आपके सुझाव से मुझे मेरी काशी में काम करने में बल मिलेगा। इसे काशी में लागू करूंगा। मैं आप लोगों से सीखना चाहता हूं। देश के मेयर हमारे काशीवालों को कुछ सीखाएं।

दिव्यांगों के बेहतर जीवन के लिए दिखाई ललक

प्रधानमंत्री ने दिव्यांगों के जीवन को सवांरने पर जोर देकर कहा कि उनकी नजर में दिव्यांगजनों के लिए जो भी आवश्यक होगा वे करेंगे। कोई भी नई इमारत बनेगी, रास्ता बनेगा वे सुगम भारत योजना के अंतर्गत उनके लिए सुविधा का प्रबंध कराएंगे। चाहे रास्ते हो या शौचालय, बस में चढऩे-उतरने का जो भी स्टैंड होगा वहां इनकी सुविधा का ख्याल रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे देश में स्वच्छता का अभियान चल रहा है, लेकिन कुछ शहरों ने ही अपनी जगह बनाई है। बाकी निराश होकर बैठ जाएं कि हम नहीं कर पाएंगे तो यह मानसिकता नहीं होनी चाहिए। संकल्प करें कि स्वच्छता की स्पर्धा में हम किसी से पीछे न रहेंगे। सौंदर्यीकरण भी जरूरी है। इसके लिए वार्ड ब्यूटी प्रतियोगिता कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने सिंगल यूज प्लास्टिक से दूरी बनाने और घर से थैला लेकर निकलने की आदत डालने पर भी बल दिया।
इसके पहले प्रदेश के नगर विकास और जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन ने सम्मेलन में वर्चुअल जुड़े प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया। सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री आवासन, शहरी कार्य पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस हरदीप सिंह पुरी, प्रदेश के पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, अखिल भारतीय मेयर काउंसिल के अध्यक्ष नवीन जैन की खास उपस्थिति रही। सम्मेलन में न्यू अर्बन इंडिया व यूपी के शहरी विकास व उसकी संभावनाओं पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गईं।


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