प्रधानमंत्री ने केजीपी को किया देश को समर्पित

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सोनीपत, 27 मई (हि.स.)। देश के प्रतिष्ठित कुंडली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेस वे (इस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस वे) को रविवार दोपहर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर कर दिया। केजीपी के हेलीपैड पर पहुंचने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन एवं सांसद रमेश कौशिक ने प्रधानमंत्री का पुष्प व गीता भेंट कर स्वागत किया। उनके साथ केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडक़री भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निर्धारित समय पर प्रात: 11:30 बजे केजीपी पर बनाए गए हेलीपैड पर पहुंचे। इसके बाद वह सीधे टोल प्लाजा के नीचे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा बनाई गई डिजीटल आर्ट गैलरी में पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने सबसे पहले डिजीटल आर्ट गैलरी का उद्घाटन किया। यहां उन्होंने मुख्य द्वार पर ही केजीपी के मानचित्र का निरीक्षण किया और देखा कि केजीपी और केएमपी के बनने के बाद दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र की तस्वीर किस ढंग से बदल जाएगी। यहां एनएचएआई के अधिकारियों ने मानचित्र के जरिए उन्हें पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई। इसके बाद प्रधानमंत्री ने डिजीटल आर्ट गैलरी का निरीक्षण किया। इस आर्ट गैलरी में उन्हें 3-डी तकनीक के जरिए केजीपी निर्माण की शुरूआत से काम पूरा होने तक के पूरे सफर को विस्तार से बताया। इन चलचित्रों में केजीपी की जमीन अधिग्रहण, किसानों की समस्याओं का समाधान, हाईवे के लिए जमीन पर काम की शुरूआत, कर्मचारियों को काम समय पर पूरा करने के लिए बनाई गई रणनीति, हाईवे के निर्माण में प्रयोग की गई तकनीक, हाईवे में प्रयोग की गई सौर ऊर्जा, सडक़ पर प्रयोग की गई ड्रिप सिंचाई की तकनीक, पौधारोपण, हाईवे निर्माण के बाद दिल्ली व अन्य शहरों को होने वाले फायदे के बारे में प्रधानमंत्री ने विस्तार से जानकारी ली। एनएचआई के चेयरमैन युद्धवीर सिंह मलिक ने प्रधानमंत्री को बताया कि इस हाईवे के निर्माण को 910 की बजाए 500 दिन में पूरा किया गया है। यह अपने आप में रिकार्ड है और देश में हाईवे निर्माण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि दिल्ली में ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा इस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस वे (केजीपी) का निर्माण किया गया है। छह लेन के 135 किलोमीर लंबे इस हाईवे के निर्माण पर 5763 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह देश का पहला एक्सिस कंट्रोल हाईवे है और वाहन जितना सफर करेंगे उतना ही टोल देना होगा। उन्होंने बताया कि इस हाईवे में प्रत्येक 500 मीटर पर दोनों तरफ रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की गई है। पूरा हाईवे सौर ऊर्जा से संचालित है। देश की कला व संस्कृति को दर्शाते इंडिया गेट, गेटवे आफ इंडिया, अशोका स्तंभ जैसे 36 स्मारकों की प्रतिकृति स्थापित की गई है। देश के इस पहले एक्सिस कंट्रोल हाईवे के निर्माण के दौरान प्रयुक्त की गई तकनीक, बाधाओं और अन्य कार्यों को भावी पीढ़ी व आने वाले पर्यटकों को दिखाने के लिए एनएचआई द्वारा इस डिजीटल आर्ट गैलरी का निर्माण किया गया है। इस गैलरी में 18 डिस्प्ले तैयार किए गए हैं। जिसमें हाईवे के निर्माण से जुड़ी तमाम जानकारियां समायोजित की गई हैं। यह जानकारी जहां आम लोगों के लिए ज्ञानवर्धक होगी वहीं शोध व इंजीनियरिंग से जुड़े छात्रों को निर्माण से जुड़ी बारीकियां भी प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनएचआई के इन प्रयासों व बेहतरीन कार्य के लिए काम में लगे सभी इंजीनियरों, अधिकारियों, कर्मचारियों व श्रमिकों को अपनी शुभकामनाएं भी दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडक़री, सांसद रमेश कौशिक, शहरी स्थानीय निकाय, महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन, एनएचआई के चेयरमैन युद्धवीर सिंह मलिक, मुख्य सचिव डीएस ढेसी, डीजीपी बीएस संधू, उपायुक्त विनय सिंह, एसएसपी सतेंद्र गुप्ता, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन भी उपस्थित थे।


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