प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 साल का काम पूरा करने के लिए मांगा महज पांच साल
गुवाहाटी, 30 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिब्रूगढ़ जिले के मोरान में भाजपा की एक विशाल चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा है, कांग्रेस 70 साल में जो नहीं कर पाई, उसे हमने पांच साल में कर दिया। लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना है। दोबारा सरकार बनाने के लिए मैं न सोने वाला हूं और न मैं मौज करने वाला हूं। ऐसे ही मेहनत करके आने वाले 25 साल का काम अगले पांच साल में करेंगे। मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए।
शनिवार को डिब्रूगढ़ और जोरहाट लोकसभा क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार रामेश्वर तेली और तपन कुमार गोगोई के समर्थन में मोरान में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी आज ही अरुणाचल प्रदेश के आलो में एक चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद मोरान पहुंचे थे। यहां जनसभा को संबोधित करने से पहले उन्होंने असमिया भाषा में लोगों का अभिवादन करने के साथ ही बिहू की शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा कि असम के लिए क्या किया है, इसका लेखा-जोखा लेकर हम आप के बीच आए हैं। आप जिस मजबूती से मेरे साथ साल तक खड़े रहे, मुझे आशीर्वाद देते रहे हैं, उसी का परिणाम है कि आज एक नए विश्वास के साथ आपके सामने खड़ा हूं। यही विश्वास है जिनके कारण मैं देश के साथ ही असम के गरीब, वंचित, पीड़ित, शोषित आदिवासी भाई-बहनों के जीवन स्तर में बदलाव लाने का प्रयास कर पा रहा हूं। आजादी के सात दशक बाद भी असम के 40 फीसदी घरों तक ही बिजली पहुंच पाई थी, लेकिन आज करीब-करीब इन पांच वर्षों में हर घर तक बिजली पहुंचा दी गई है। यह संभव हुआ है आपके आशीर्वाद से। अब यह आंकड़ा 40 से बढ़कर पांच साल में 85 फीसद तक पहुंच गया है।
असम के 27 लाख परिवारों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का भरोसा मिल पाया है। लगभग 50 लाख रुपये मुद्रा लोन देकर लाखों युवा साथियों को स्वरोजगार से जोड़ पाया हूं। आपके विश्वास का ही परिणाम है कि असम के पांच लाख से अधिक गरीब परिवारों को अपना-अपना पक्का घर दे पाया हूं। इसके पीछे भी आपके विश्वास का ही सहारा है। आपने मुझ पर विश्वास किया, मुझे इतना सम्मान दिया, इसी का नतीजा है कि आज असम के किसानों के लिए सब कुछ मैं कर पाया हूं। डिब्रूगढ़ और जोरहाट सहित असम के करीब 24 लाख किसान परिवारों के खाते में हर वर्ष हजारों करोड़ रुपए जमा किए जा रहे हैं, ताकि उन्हें छोटी-छोटी जरूरतों के लिए किसी की चौखट पर न जाना पड़े। कर्ज़ में न डूबना पड़े। करीब 10 लाख किसानों को पहली किस्त का पैसा खाते में आ गया है। बाकी को भी जल्द ही पैसा मिल जाएगा।
असम के लाखों श्रमिक साथियों, चौकीदारों, घरों में सेवा करने वालों, खेतों और बागान में काम करने वालों के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद तीन हजार रुपये की नियमित पेंशन का भी प्रावधान करना आपके विश्वास के कारण ही संभव हो पाया है। यह चौकीदार पांच लाख रुपये तक की आय को पूरी तरह टैक्स से मुक्त करने का बड़ा फैसला भी आपके आशीर्वाद से ही कर पाया है। असम की सांस्कृतिक पहचान की रक्षा हो या फिर घुसपैठियों पर कार्रवाई, यह आपके ही आशीर्वाद से हो पाया है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अब आप बताइए कि आपका यह चौकीदार आपके विश्वास पर खरा उतरा है या नहीं।
उन्होंने कहा कि मेरे काम से आप खुश हैं, हिन्दुस्तान खुश है, लेकिन दो जगह लोग परेशान हैं। कुछ लोगों को रात को नींद नहीं आ रही है। एक है कांग्रेस का परिवार और दूसरा है आतंकियों का परिवार। उन्होंने लोगों से कहा कि जब 11 अप्रैल को कमल के फूल के सामने बटन दबाएंगे तो इन्हीं दो जगहों पर सन्नाटा छाने वाला है। भारत ने पहली बार आतंकियों के घर में घुसकर मारा है।
आपको जरूर अच्छा लगा होगा। हमारे सेना के पराक्रम से आप खुश हैं, लेकिन कांग्रेस परेशान है। क्योंकि यह तो घर में घुसकर के मारा है। भारत के साथ पूरी दुनिया खड़ी हो गई, लेकिन कांग्रेस की नींद उड़ गई। भारत ने अंतरिक्ष में अपनी क्षमताओं को विस्तार दिया। हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में यहां से जाकर के जीवंत सैटेलाइट को तीन मिनट में गिरा दिया। आपको खुशी हुई होगी, लेकिन कांग्रेस के आंखों में आंसू आ गए। भारत आज महाशक्तियों के साथ कदम मिला रहा है, लेकिन कांग्रेस बहुत परेशान होती चली जा रही है। कांग्रेस ने ऐसी सरकार बनाई जिसने भारत देश की पहचान एक पीड़ित व शोषित देश की बना दी। अब आपको तय करना है कि एक मजबूत भारत चाहिए या फिर लाचार और गरीब सरकार। अब आपको तय करना है कि दमदार सरकार चाहिए या फिर दागदार सरकार चाहिए।
दागदार लोगों की विदाई होनी चाहिए। देश को निर्णायक सरकार चाहिए या फिर सिर्फ नारे लगाने वाली सरकार चाहिए। यह निर्णय करने की घड़ी आ गई है।
मोदी ने कहा कि मोरान की पहचान तो मजबूती से है। जो मोरान की पहचान है वही पहचान पूरे हिन्दुस्तान की होनी चाहिए। अगर मोरान मजबूत है तो हिन्दुस्तान भी मजबूत होना चाहिए। यह पहचान सिर्फ एक परिवार की गुलामी करने वाले क्या कभी दे सकते हैं। भारत मजबूत तभी हो सकता है जब मोरान मजबूत होगा, पूर्वोत्तर मजबूत होगा। यही प्रयास केंद्र और असम की एनडीए सरकार ने किया है। यहां मौजूद हमारे तमाम साथी एनडीए के सभी घटक असम में भी और दिल्ली में भी विकास के कामों में लगे हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन लोगों को तो चौकीदार से नफरत है ही, चाय वालों से भी तिलमिलाए हुए हैं। पहले मुझे लगता था सिर्फ एक चाय वाला ही इनके निशाने पर है, लेकिन जब देश भर में घूमा तो पता चला कि असम हो या पश्चिम बंगाल, चाय उगाने से लेकर चाय बनाने तक जो भी चाय से जुड़ा है उसकी तरफ ये देखना भी पसंद नहीं करते हैं। वरना क्या कारण है कि दुनिया को मशहूर असम की चाय देने वाले चाय मजदूर सात दशकों तक परेशानी में रहे। उनको मूल सुविधाएं तक नहीं मिल पाईं। चाय वालों का दर्द एक चाय वाला ही आखिर समझ सकता है।
उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि वर्षों के इंतजार के बाद पहली बार यहां के चाय वालों के बैंक खाते खोले गए। चाय जनजाति के लाखों परिवारों को दो किस्तों में पांच-पांच हजार रुपये की नकद धनराशि दी गई। चाय बागान के चार लाख परिवारों को मुफ्त में चावल और दो रुपये किलो चीनी देने का फैसला भी एनडीए की सरकार ने किया। चाय बागान में काम कर रही माताओं-बहनों को एकमुश्त प्रसूति भत्ता 12 हजार रुपये दिए जा रहे हैं और मैं यह विश्वास दिलाता हूं कि ये सुविधाएं आपसे अब कोई छीन नहीं सकता है, इसलिए किसी भी तरह के भ्रम में पड़ने की जरूरत नहीं है। कारण यह चाय वाला आपके जीवन को आसान बनाने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में नए भारत की नई ऊर्जा का केंद्र बनने की ताकत है। यही कारण है कि पांच वर्षों में यहां के दूरदराज के इलाकों को आपस में जोड़ने के लिए यहां के जीवन को सुगम बनाने के लिए व्यापक प्रयास किया गया है।
मोदी ने कहा कि डिब्रूगढ़ तो व्यापार, कारोबार का केंद्र रहा है। इतना महत्वपूर्ण सेंटर होने के बावजूद असम के दूसरे क्षेत्रों से यहां कनेक्टिविटी कितनी मुश्किल थी, यह सभी मुझसे बेहतर जानते हैं। कांग्रेस के भ्रष्टाचार और नाकामी की रेल पर तो किताबें लिखी जा चुकी हैं, डिब्रूगढ़ ने ऐसे दिन भी देखे हैं। आज मोरान को दिल्ली से जोड़ने वाली राजधानी एक्सप्रेस की सभी गवाह हैं। लटकाने और भटकाने में तो कांग्रेस को मास्टरी है। गैस क्रैकर प्रोजेक्ट, धोला-सदिया पुल हो या फिर बोगीबील पुल दशकों तक लटके रहे। लेकिन चौकीदार ने दशकों से लटके इन कामों को पूरा किया है।
उन्होंने कहा कि पुरानी परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के साथ ही एनडीए की सरकार ने नए प्रोजेक्ट भी जमीन पर उतारे हैं। बाढ़ व कटाव की इस समस्या को कम करने के लिए रिंग बांध भी हमारी सरकार ने बनाया है। तिनसुकिया में मेडिकल कॉलेज, डिब्रूगढ़ में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, दिव्यांगों के लिए आईटीआई, नामरूप पेट्रो केमिकल फैक्ट्री में नया मिथेनाल प्लांट यहां के युवा साथियों को बेहतर अवसर देने के लिए किए गए कार्यों का परिणाम है। बीते पांच साल में हमारी सरकार ने असम के ऑयल सेक्टर में ही लगभग 14 हजार करोड रुपए के प्रोजेक्ट पूरे किए हैं। देश की सबसे बड़ी बॉयो रिफाइनरी नुलीगढ़ के विस्तार के साथ ही असम के विकास के साथ-साथ यहां की पहचान, यहां की संस्कृति को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। जिससे कांग्रेस ने लटकाया था उसको लागू करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य के छह समुदायों मटक, मोरान, चुतिया (चुतिया), कोच राजवंशी, चाय जनजाति को जनजाति का दर्जा देने के काम पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इन छह समुदायों को जनजाति का दर्जा देते समय यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि असम के वर्तमान जनजातियों के हितों व उनके अधिकारों की पूरी तरह से रक्षा हो। असम और देश को मजबूत करने वाले ऐसे अनेक कामों को गति मिले इसके लिए 11 अप्रैल को आपसे हमें आशीर्वाद चाहिए। एनडीए के सभी साथियों को आप भरपूर स्नेह देंगे। इस मौके पर मुखयमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, डॉ महेंद्र सिंह, डिब्रूगढ़ के उम्मीदवार रामेश्वर तेली, जोरहाट के उम्मीदवार तपन गोगोई तथा जोरहाट के वर्तमान सांसद कामाख्या प्रसाद साता समेत लाखों लोग मौजूद थे।