पेरिस का नोट्रे-डेम गिरजाघर खाक, अमेरिका ने जताया अफसोस
लॉस एंजेल्स, 16 अप्रैल (हि.स.)। सेंट्रल पेरिस के साढ़े आठ सौ साल पुराने ऐतिहासिक नोट्रे-डेम गिरजाघर की छत और मीनार के जलकर राख होने की ख़बर दिन भर इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया में छाई रही। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को जैसे ही नोट्रे-डेम में आग लगने की ख़बर लगी, उन्होंने ट्वीट कर कहा कि नोट्रे-डेम को लगी आग का भयावह दृश्य था। उन्होंने अफ़सोस जताते हुए कहा कि यह एक ऐसा गिरजाघर था, जिससे दुनिया भर के लोगों की भावनाएं जुड़ी थीं। ट्रम्प के अलावा पारसी समुदाय से जुड़े अनेक अमेरिकी राजनीतिज्ञों ने भी नोट्रे-डेम की घटना को सब से बड़ी त्रासदी बताया, तो किसी ने कहा की यह अपूर्णिय क्षति है।
व्हाइट हाउस में पूर्व राष्ट्रपति जार्ज बुश कार्यकाल के एक उच्चाधकारी डेविड अलमेसी ने आँखों देखी बताते हुए कहा कि वह अपने परिवार के साथ पेरिस की यात्रा पर थे। वह सेंट शपेल-चपेल में घूमकर नोट्रे-डेम के क़रीब सोमवार की शाम पहुंचे ही थे कि उनकी बेटी ने नोट्रे-डेम गिरजाघर से उठते धुंए की ओर इशारा किया, तो लगा कि यह धुआं किसी चिमनी से आ रहा है। लेकिन 6.50 बजे उन्होंने जो देखा और सुना, वह असहनीय था। शाम तक स्थिति भयावह हो चुकी थी। पूरी बिल्डिंग आग की चपेट में थी। उन्होंने कहा कि इस गिरजाघर को बनाने में 200 साल लगे, लेकिन दो घंटे में इसकी छत और मीनार जलकर राख हो गई।
लॉस एंजेल्स में फ़्रेंच समुदाय बड़ी संख्या में है। इस घटना पर फ़्रेंच समुदाय ने अलग-अलग पीड़ाजनक प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। इस दुर्घटना पर शुरू में समुदाय के लोगों को भरोसा ही नहीं हुआ और वे इसे 9/11 की घटना की तरह किसी आतंकी घटना से जोड़ कर देखते रहे।