पूसीरे की ‘जीरो स्क्रैप मिशन’ पहल, दस वर्षों में अब तक की सर्वोच्च स्क्रैप बिक्री

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गुवाहाटी, 01 फरवरी (हि.स.)। भारतीय रेल के ‘जीरो स्क्रैप मिशन’ की तर्ज पर पूर्वोत्तर सीमा रेल (पूसीरे) अपने क्षेत्राधिकार के अधीन सभी प्रतिष्ठानों तथा इकाइयों को स्क्रैप सामग्री से मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मिशन के अधीन स्टेशनों, डिपो, शेडों, वर्कशॉप्स तथा अनुभागों को सुनिश्चित रूप से स्क्रैप से मुक्त बनाने के लिए निरंतर निगरानी की जा रही है। पूसीरे के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता निरीक्षण तथा बैठकों में ‘जीरो स्क्रैप मिशन’ पर बल दिया तथा सभी को नया कीर्तिमान स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
पूसीरे की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी गुनीत कौर ने मंगलवार को बताया कि पूसीरे ने 31 जनवरी, 2022 तक 114 करोड़ रुपये मूल्य की स्क्रैप सामग्रियों की बिक्री किया। स्क्रैप सामग्रियों में स्क्रैप रेलों, पी-वे सामग्रियों, परित्यक्त कोचों, वैगनों तथा रेल इंजनों आदि शामिल हैं। यह गत वर्ष में इसी अवधि के दौरान कुल बिक्री 55.71 करोड़ रुपये की तुलना में 104.65 प्रतिशत अधिक है। यह पूसीरे द्वारा पिछले 10 वर्षों में स्क्रैप सामग्रियों की सर्वोच्च बिक्री है।
पूसीरे ने 31 जनवरी, 2022 तक 25640 एमटी स्क्रैप रेलों, पी-वे सामग्रियों तथा डिपो स्क्रैप उत्पन्न किया। इसके अलावा, वर्ष के दौरान परित्यक्त रोलिंग स्टॉक यानी 54 वैगनों, 33 कोचों तथा 27 डीजल रेल इंजनों की भी बिक्री की गई।
‘जीरो स्क्रैप मिशन’ अभियान न केवल भारतीय रेल के लिए राजस्व सृजित करती है, बल्कि स्क्रैप के साथ अन्य सामग्रियों को जमा करने के लिए जगह बनाती है तथा इससे स्टेशनों, कार्य स्थलों तथा निकटवर्ती क्षेत्रों का परिवेश भी सुधरती है।


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