पूर्ण बहुमत की सरकार से बढ़ता है देश का आत्मविश्वास और गौरवः प्रधानमंत्री

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नई दिल्ली  (हि.स.)।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में फिर पूर्ण बहुमत की सरकार स्थापित करने की वकालत करते हुए कहा कि वर्ष 2014 के जनादेश से देश का आत्मविश्वास बुलंदियों पर पहुंचा और दुनिया में भारत की साख बहुत बढ़ी।
प्रधानमंत्री ने 16वीं लोकसभा के अंतिम दिन सदन में अपने अंतिम संबोधन में कहा कि भारत आज यदि तेजी से विकास कर रहा है तथा दुनिया में उसकी बात को गंभीरता से सुना और समझा जा रहा है तो इसका श्रेय देश की सवा सौ करोड़ जनता को है जिन्होंने 30 वर्षों के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार स्थापित की थी।
दोबारा प्रधानमंत्री बनने के लिए वरिष्ठ नेता व समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की शुभकामना के लिए उनका आभार व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि अपनी पहली पारी में उन्हें देशवासियों और सदन का सहयोग मिला और वह अपनी दूसरी पारी में अपने अधूरे कार्यों को पूरा करेंगे। समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेता मुलायम सिंह यादव ने अपने संबोधन में कहा था कि वह प्रधानमंत्री को बधाई देना चाहते हैं कि उन्होंने सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की। यादव ने कहा कि सदन के सदस्यों को दोबारा जीत कर आने की शुभकामना देने के साथ ही कहा कि वह चाहते हैं कि नरेन्द्र मोदी भी दोबारा प्रधानमंत्री बनें। मोदी ने अपने संबोधन में दो बार वरिष्ठ नेता के प्रति आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने 16वीं लोकसभा और अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए कहा कि इस लोकसभा को कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। इस लोकसभा के कार्यकाल में कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ कारगर कानून बनाकर ऐसा कानूनी ढ़ांचा तैयार किया गया जो कई पीढ़ियों तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने इस संबंध में विदेशों में जमा कालेधन के खिलाफ कार्रवाई, दिवालिया कानून, बेनामी संपत्ति कानून और आर्थिक भगोड़ों के खिलाफ बनाए गए कानून का जिक्र किया।
उन्होंने 16वीं लोकसभा में महिलाओं की बड़ी भागीदारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सदन का सौभाग्य है कि अध्यक्ष पद और लोकसभा महासचिव पद पर महिलाएं ही विराजमान हैं। सरकार में भी पहली बार शक्तिशाली सुरक्षा समिति में विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के रूप में महिलाओं की भागीदारी रही।
16वीं लोकसभा के दौरान चर्चा और विधायी कामकाज का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान सदन में 85 प्रतिशत कामकाज हुआ जो अपने आप में एक उपलब्धि है। उन्होंने सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण देने जैसे विषयों पर सदस्यों ने सर्वसम्मति से फैसला किया जिससे देश दुनिया में सकारात्मक संदेश गया। प्रधानमंत्री ने सदन में सबसे बड़े दल कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की सराहना करते हुए कहा कि वह उनके भाषणों को बहुत ध्यान से सुनते थे। उनके भाषण आधार सामाग्री का काम करते हैं। सदन में खड़गे की लगातार मौजूदगी रहती थी यह अन्य सदस्यों के लिए भी अनुकरणीय था।
प्रधानमंत्री ने सदन के सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बिना उनके प्रति हास्य व्यंग्य से चुटकियां भी लीं। राहुल के इस कथन पर की वे खुलासा करेंगे तो भूकंप आ जाएगा, मोदी ने कहा कि पिछले पांच साल में कोई भूंकप नही आया। राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष की आलोचना पर मोदी ने कहा कि सदन में कई हवाई जहाज उड़ाए गए लेकिन वे ऊंचाई हासिल नहीं कर सके।
मोदी ने उपहास के लहजे में कहा कि लोकसभा में पहली बार आने पर उन्हें बहुत से नए अनुभव हुए, जानकारी मिली। उन्हें पता लगा कि ‘गले मिलने’ और ‘गले पड़ने’ में क्या अंतर होता है। उन्हें ये पता लगा कि ‘आंखों से कैसे गुस्ताखियां की जाती हैं।’ उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने भाषण के बाद अपनी सीट से उठकर प्रधानमंत्री मोदी के पास चले गए थे और उनको गले लगाने का प्रयास किया था। इसके बाद वह अपनी सीट पर आकर उन्होंने अपने साथी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर देखकर आंख मारी थी। उस समय राहुल के इस कृत्य की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने निंदा की थी।
प्रधानमंत्री ने सदन में अजीबो-गरीब वेशभूषा पहनकर आने वाले और अजीबो-गरीब हरकत करने वाले सदस्यों पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि सदन में ऐसे अट्टहास सुनने को मिले जिनका उपयोग मनोरंजन की दुनिया में हो सकता है। उन्होने हल्के फुल्के अंदाज में सुमित्रा महाजन से कहा कि वह सदन के ऐसे क्षणों का उपयोग करने के लिए फिल्म जगत को अनुमति दें। सदस्यों की इस प्रतिभा का उपयोग मनोरंजन जगत में भी होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने निवर्तमान हो रहे सदस्यों को दोबारा सदन में आने की शुभकामना देते हुए कहा कि वे चुनाव में स्वस्थ स्पर्धा की भावना से उतरें।


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