पुलिस की उड़ी नींद: राजधानी में झपटमारी और डकैती का बढ़ा ग्राफ
नई दिल्ली, 12 अप्रैल (हि.स.)। राजधानी दिल्ली की सड़कों पर झपटमारी का ग्राफ एक बार फिर बढ़ गया है। इस वर्ष की पहली तिमाही में झपटमारी के 1562 मामले दर्ज हुए हैं जबकि वर्ष 2018 में इन तीन महीनों के दौरान झपटमारी की 1507 घटनाएं हुई थीं। इसके साथ ही डकैती की वारदात में 75 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता अनिल मित्तल के अनुसार वर्ष 2019 की पहली तिमाही में डकैती की 7 वारदात हुईं। वर्ष 2018 में इस दौरान केवल चार वारदात हुई थीं। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती सड़क पर होने वाले अपराध (स्ट्रीट क्राइम) को काबू करना होता है। ऐसे में झपटमारी का ग्राफ बढ़ना चिंता का विषय है। पुलिस झपटमारी की वारदात को रोकने के लिए जगह-जगह पिकेट लगाती है। इसके अलावा सक्रिय झपटमारों को गिरफ्तार कर जेल भेजती है। इसके बावजूद झपटमारी बढ़ने से दिल्ली पुलिस की परेशानी बढ़ गई है। पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक की तरफ से सभी जिलों के डीसीपी को झपटमारी रोकने के लिए उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं।
झपटमारी के मामले बढ़े
दिल्ली पुलिस जारी आंकड़ों के अनुसार डकैती व झपटमारी के मामले पहले तिमाही में बढ़े हैं। इनके अलावा वाहन चोरी की वारदात में इजाफा हुआ है। वर्ष 2018 में जहां पहली तिमाही में वाहन चोरी की 10,130 वारदात हुई थीं वहीं इस वर्ष की पहली तिमाही में वाहन चोरी की 11,313 घटनाएं हो चुकी हैं।
पहली तिमाही में सामान्य चोरी के आंकड़े भी हैरान करने वाले हैं। वर्ष 2018 में जहां चोरी की 32106 वारदात पहली तिमाही में दर्ज हुई थीं वहीं इस वर्ष 2019 की पहली तिमाही में चोरी की 50,454 घटनाएं हो चुकी हैं।
इन अपराधों में पुलिस को मिली राहत
दिल्ली में कुछ अपराधों में कमी आने की वजह से दिल्ली पुलिस को थोड़ी राहत मिली है। लूट की वारदात बीते वर्ष के मुकाबले पहली तिमाही में 741 से घटकर 590 हो गई है। हत्या की वारदात 130 से घटकर 120 हो गई है। अगर हत्या प्रयास की बात करें तो वर्ष 2018 में जहां 144 घटनाएं हुई थीं वहीं इस वर्ष ऐसी 117 घटनाएं हुई हैं। इसी क्रम में इस दौरान की अवधि में पिछले साल के अपहरण के मामले भी 6 से घटकर इस वर्ष केवल दो गए हैं।