चंडीगढ़, 13 अक्टूबर (हि.स.)। किसानों को अपने खेतों में पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब सरकार नया कदम उठाने जा रही है। ठेके पर ज़मीन देने वाले ज़मीन मालिकों को कहा गया है कि वह अपने खेतों में पराली जलाने की कोई भी घटना न घटने देने को सुनिश्चित बनाएं।
रविवार को जारी बयान में कृषि सचिव काहन सिंह पन्नू ने बताया कि पंजाब में कृषि ज़मीन का लगभग 25 प्रतिशत क्षेत्रफल एन.आर.आई. पंजाबियों या शहरी क्षेत्रों में रहते लोगों के स्वामित्तव वाला है और यह लोग प्रति एकड़ 40,000 से लेकर 55,000 रुपए ठेका ले रहे हैं। इस कारण इन लोगों को अपने खेतों में पराली जलाने से रोकने की बराबर की जि़म्मेदारी बनती है।
पन्नू ने कहा कि यदि इन लोगों के खेतों में आग लगने की घटना घटती है तो इसको सीधे तौर पर सरकार के आदेशों का उल्लंघन मानते हुए ज़मीन मालिकों के विरुद्ध कानून के मुताबिक कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने ज़मीन मालिकों से अपील की कि उनकी ज़मीन ठेके पर जोतने वाले काश्तकारों के लिए ठेके की रकम कुछ कम करने और उनको पराली जलाने की बजाय खेतों में मिला देने के लिए प्रेरित करें जिससे ज़मीन की सेहत में सुधार होने के साथ-साथ पर्यावरण को बचाया जा सकेगा।
कृषि सचिव ने बताया कि पराली जलाने की समस्या पर रोक लगाने के लिए डिप्टी कमिश्नरों को अपने सम्बन्धित जिलों में गांव स्तर पर तैनात नोडल अफसरों को ज़मीन मालिकों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है। इन नोडल अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वह ठेके पर ज़मीन देने वाले व्यक्तियों के साथ संपर्क करके उनको पराली न जलाने सम्बन्धी जारी हिदायतों का पालना करने के लिए ज़ोर डालें। कृषि सचिव ने आगे बताया कि सभी राजस्व पटवारियों को उस कृषि ज़मीन, जिसमें पराली जलाने की कोई घटना घटती है, की गिरदावरी में ‘रेड एंट्री ’ दर्ज करने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।