पत्रकारों की मान्यता नियमावली पूरे देश में एक समान करने की जरूरत
प्रयागराज, 31 दिसम्बर (हि.स.)। देश भर के मान्य सम्पादकों, पत्रकारों तथा पत्रकार संगठनों के हितों की रक्षा के लिए भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुनेश्वर मिश्र एवं राष्ट्रीय संयोजक डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय ने केंद्र सरकार सहित सभी प्रांतीय सरकारों से गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों एवं लघु पत्र-पत्रिकाओं के संपादकों के साथ दोहरा मानदंड अपनाए जाने पर गम्भीर चिंता व्यक्त करते हुए इसे तत्काल समाप्त करने की अपील की है।
द्वय पदाधिकारियों ने कहा है कि पूरे देश के हर प्रदेशों में पत्रकारों की मान्यता नियमावली में कोई सामंजस्य न होने के कारण अलग-अलग प्रदेशों में मान्यता के अलग-अलग मानक बनाए गए हैं। जिसे पूरे देश में एक समान करने की जरूरत है। मान्यता प्राप्त पत्रकारों की भांति गैर मान्यता प्राप्त उन सभी पत्रकारों को भी सभी सुविधाएं निश्चित रुप से मिलनी चाहिए, जिनकी पत्रकारिता की अवधि 10 वर्ष से अधिक हो गई है अथवा जिनकी पत्र पत्रिकाएं 10 वर्षों से निरंतर प्रकाशित हो रही हैं। उन्हें मान्यता प्राप्त पत्रकारों की भांति सभी वांछित सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए। केंद्र और प्रदेश सरकारों को दोहरा मानदंड नहीं अपनाना चाहिए।
पदाधिकारियों ने कहा है कि पूरे देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर पत्रकारों से टोल टैक्स की वसूली बंद की जानी चाहिए और उन्हें उनके परिचय पत्र दिखाने पर टोल प्लाजा पर उन्हें निःशुल्क आवागमन की सुविधा दी जानी चाहिए। इसी प्रकार प्रत्येक जिला मुख्यालयों पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों की भांति गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी आवासीय सुविधा एवं सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें वांछित सुविधाएं मिलनी चाहिए, जो प्रत्येक मान्यता प्राप्त पत्रकारों को मिलती हैं। देश में इस तरह का दोहरा मानदंड अपनाए जाने से दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय लोग स्वयं को उपेक्षित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा है कि 50 वर्ष की आयु सीमा के ऊपर के सभी पत्रकारों को सरकार न्यूनतम 15 हजार प्रतिमाह जीवन निर्वाह भत्ता देने की व्यवस्था करे।
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव मथुरा प्रसाद धुरिया का कहना है कि प्रत्येक तहसील मुख्यालयों पर जिला मुख्यालयों की भांति सूचना भवन का निर्माण होना चाहिए, जिसमें पत्रकारों के बैठने की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए। महासंघ ने कहा है कि पत्रकारों की सुविधाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पत्रकार आयोग गठित करके एक समान सुविधा प्रदान किए जाने का मानक बनाया जाना चाहिए। महासंघ के उच्च पदाधिकारियों ने अवगत कराया है कि शीघ्र ही महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र और प्रदेश सरकारों से मिलकर उपरोक्त आशय का मांग पत्र सौंपेगा और देश के बड़े पैमाने पर उपेक्षित पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए अपनी बात पुरजोर ढंग से उठाएगा।