पडरौना सीट : कांग्रेस छोड़ आरपीएन संग आये मनीष बने भाजपा प्रत्याशी
– एक बार फिर कुशल राजनीतिज्ञ बनकर उभरे आरपीएन, राजनीतिक विरोधियों को मिला मुंहतोड़ जवाब
कुशीनगर, 07 फरवरी (हि.स.)। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कुंवर आरपीएन सिंह का कुशीनगर में एक सधे राजनीतिज्ञ का चेहरा फिर से सामने आया है। उन्होंने पडरौना विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम लग गया है। इनके एक पैंतरे से न सिर्फ राजनैतिक कयासबाजियों पर विराम लगाया है बल्कि आरपीएन सिंह के खुद के भविष्य तय करने को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ज्वाइन करने की राजनैतिक विरोधियों की दलीलें भी सिरे से खारिज हो गईं हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने आरपीएन के सिपहसालार मनीष जायसवाल को पडरौना से प्रत्याशी घोषित कर एक तरह से आरपीएन के इस राजनैतिक चाल पर मुहर लगा दी है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से वर्ष 2012 में राजनीति शुरू करने वाले मनीष जायसवाल अब भाजपा प्रत्याशी के तौर पर पडरौना विधानसभा से दम ठोकेंगे। इधर, आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने का बाद उनकी पत्नी सोनिया सिंह के चुनाव लड़ने के कयास लगाये जा रहे थे। चर्चा यह भी थी कि मनीष जायसवाल के लिए ही आरपीएन ने भाजपा नेतृत्व पर दबाव बनाया है, बावजूद इसके उन्हें सफलता नहीं मिल रही है। लेकिन अब भाजपा की सूची आने के बाद सभी तरह की अटकलों और कयासबाजियों पर विराम लग गया है।
कांग्रेस ने मनीष को बनाया था पडरौना सीट से अपना प्रत्याशी
कांग्रेस ने पडरौना विधानसभा सीट से मनीष जायसवाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन कुंवर आरपीएन सिंह द्वारा कांग्रेस छोड़ने पर मनीष जायसवाल ने भी कांग्रेस को अलविदा कर दिया और आरपीएन सिंह के साथ हो लिए। इसके बाद मनीष जायसवाल को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई और अब पडरौना विधानसभा सीट से प्रत्याशी हैं। राजनैतिक विश्लेषक और पत्रकार राजीवदत्त पांडेय का कहना है आरपीएन ने कुशल राजनीतिज्ञ होने का प्रमाण दिया है। उन्होंने अपनी इस राजनैतिक चाल से वैश्य बिरादरी को तो साधा ही है, खुद के स्वार्थ में भाजपा को ज्वाइन करने की दलील देने वाले राजनीति विरोधियों के मुंह पर भी जोरदार चमचा जड़ा है।