न्यायिक नियुक्तियों में टाइमलाइन का पालन करे सरकार

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नई दिल्ली, 28 जून (हि.स.)। मद्रास हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि न्यायिक नियुक्तियों की प्रक्रिया में हर स्तर पर कड़े टाइमलाइन का पालन हो। याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को दिशा-निर्देश जारी करे कि वह सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट कॉलेजियम की अनुशंसाओं को बिना देरी किए अमल में लाएं। इस याचिका पर 2 जुलाई को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी। याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति में कार्यपालिका द्वारा बिना वजह देरी संविधान की धारा 14, 19 और 21 का उल्लंघन है। ये किसी से छुपा हुआ नहीं है कि कार्यपालिका सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की कई सारी अनुशंसाओं पर कार्रवाई करने में विफल रहा है। हाईकोर्ट्स में जजों की सौ से ज्यादा नियुक्तियां लंबित हैं। इन नियुक्तियों में अधिकतर कार्यपालिका के विशेधाधिकार की वजह से लंबित हैं। याचिका में कहा गया है कि जजों की नियुक्ति के लिए मेमोरेंडम फॉर एप्वायेंटमेंट ऑफ जजेज में टाइमलाइन का उल्लेख किया जाए। अभी इसमें जजों की नियुक्ति के लिए टाइमलाइन का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। याचिका में देश के 24 हाईकोर्ट्स में जजों के खाली पड़े पदों का जिक्र किया गया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक देशभर के हाईकोर्ट में करीब 420 जजों के पद खाली हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट में 8 जजों के पद खाली हैं। याचिका में कहा गया है कि नियुक्तियों में देरी की वजह से ही ये पद खाली पड़े हैं। याचिका में हाईकोर्ट में खाली पड़े जजों के पद के खिलाफ कर्नाटक और कलकत्ता हाईकोर्ट में वकीलों की हड़ताल का भी जिक्र किया गया है।


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