नीतीश चाहते हैं लोस के साथ विस का चुनाव, शाह नवम्बर में करेंगे विचार

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नई दिल्ली,14 जुलाई (हि.स.)। बिहार के मुख्यमंत्री व जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव के साथ ही बिहार विधानसभा का भी चुनाव कराना चाहते हैं। ताकि भाजपा से लोकसभा व विधानसभा की अधिक से अधिक सीटें ले सकें| अपने मन लायक समझौता कर सकें। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने 12 जुलाई 2018 को पटना गए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बंद कमरे में हुई 15 मिनट की गुफ्तगू में यह बात रखी थी। इस पर उनको नवम्बर 2018 में होने वाली मुलाकात में विचार करने का सकारात्मक आश्वासन मिला। इसी के बाद नीतीश बाबू प्रफुल्लित मुख मुद्रा में बाहर निकले थे।
सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार की रणनीति है, लोकसभा चुनाव के साथ बिहार विधानसभा का चुनाव होने पर सीट बंटवारे में भाजपा पर अधिक दबाव बनाया जा सकता है और यह करके लोकसभा व विधानसभा की अधिक सीटें ली जा सकती हैं। लोकसभा और विधानसभा का चुनाव अलग-अलग होने पर नीतीश कुमार भाजपा से लोकसभा व विधानसभा, दोनों की ही अधिक सीटें नहीं ले पाएंगे। इस बारे में जदयू के एक नेता का कहना है कि पार्टी फिलहाल राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 15 लोकसभा सीटों के लिए अड़ी हुई है। भाजपा इसके लिए पक्का आश्वासन नहीं दे रही है। जदयू को बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से कम से कम 101 सीटें तो चाहिए ही। पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव के समय राजद के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था, तो 101 सीटों पर लड़ा था। इसमें से 71 सीटों पर जीता था। उस समय राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने 159 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से मात्र 53 सीटों पर चुनाव जीती थी। इसलिए भाजपा को नीतीश को विधानसभा की 101 सीटें देने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। लेकिन 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में, जब जदयू और राजद अलग-अलग प्रत्याशी खड़ा किये थे, उनका गठबंधन नहीं हुआ था, तब भाजपा राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 22 पर जीती थी। जदयू के मात्र 2 प्रत्याशी जीते थे। ऐसे में भाजपा यदि आगले लोकसभा चुनाव के लिए जदयू को 15 सीटें देती हैं, तो उसको अपने कई वर्तमान सांसदों के टिकट काटने पड़ेंगे। ऐसे में भाजपा की कोशिश जदयू को कम से कम सीटें देने की है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि यदि जदयू ने बहुत दबाव बनाया, तो भाजपा उनको अधिक से अधिक 10 लोक सभा सीट देने के बारे में सोचेगी।
भाजपा के कई सांसद राजद व कांग्रेस के सम्पर्क में
कांग्रेस के एक पदाधिकारी का कहना है कि बिहार के कई भाजपा लोक सभा सांसद, जिनको आगामी लोकसभा चुनाव में अपना टिकट काटे जाने की आशंका है, अभी से कांग्रेस व राजद के नेताओं से बातचीत करना शुरू कर दिये हैं। यदि भाजपा ने इनका टिकट काट दिया और राजद या कांग्रेस ने इनको टिकट दे दिया, तो ये आगामी लोकसभा चुनाव में अपने क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के विरूद्ध चुनाव लड़ने को तैयार हैं। ऐसे में भाजपा पर भी दबाव है कि जिन सांसदों का टिकट काटेगी उनको कैसे मनाएगी और कहां समायोजित करेगी।


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