नववर्ष पर पर्यटकों के वनभोज के लिए सज गयी काबर झील

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बेगूसराय,31दिसम्बर(हि.स.)। प्राकृतिक छटा से ओत-प्रोत एशिया में मीठे पानी की सबसे बड़ी काबर झील एवं उसके मध्य स्थित शक्तिपीठ जयमंगलागढ़ नववर्ष में पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार हो चुके हैंं। जयमंगला गढ़ में बाजार सज चुका है। वहीं, काबर के मछुआरों ने अपनी नावों को पर्यटकों के लोगों के लिए तैयार कर लिया है। यहां प्रत्येक वर्ष एक जनवरी को पर्यटकों भारी भीड़ जुटती रही है। इस बार भी दो लाख लोगों के आने का अनुमान है। अनुमंडल प्रशासन तैयारी पूरी कर चुका है। रमणीक यादें समेटे काबर झील पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों को बरबस ही खींच लाती है। झील में सूर्योदय के साथ कमल खिलना, मछलियों के तैरने, पेड़-पौधों और कलरव करते पक्षियों के झुंड, बंदरों के साथ हुड़दंग का मजा उठाना सब चाहते हैं। प्रकृति की अनुपम भेंट की संभावनाओं की प्रामाणिकता नववर्ष के अवसर पर पहुंचने वाली लाखों लोगों की भीड़ बयां करती आ रही है। प्रकृति की मनोरम छटा के बीच काबर की गोद में स्थित माता जयमंगला का मंदिर भी नये साल पर लोगों को बरबस ही खींच लाता है। इसके संबंध में अनेकों किवंदतियां हैंं। हिन्दू धर्मावलम्बी इसे सिद्धपीठ मानते हैं। तंत्रविद्या सिद्धि की भी यह उपयुक्त स्थली है। साधना के लिए मंगलवार और शनिवार के दिन उपयुक्त माना गया है। संयोग से इस बार मंगलवार को नववर्ष का आगमन भी है। बौद्ध धर्मावलम्बी इसे बौद्ध स्थल मानते हैं। बौद्ध साहित्य के अनुसार भगवान बुद्ध ने परिभ्रमण क्रम में यहां 22 घंटे विश्राम किया था। इतिहासवेत्ता इसे पालवंशियों का किला बताते हैं। इससे जुड़े नौलागढ़ में राजमहल, वीरपुर-बरैपुरा में शासन केन्द्र तथा जयमंगलागढ़ में धार्मिक केन्द्र था। नावों से आवागमन का साधन था। किवदंतियों की जिज्ञासा यहां पर्यटकों को लुभाती है। वहीं काबर का वन क्षेत्र वनभोज का लुत्फ उठाने के लिए वर्ष के पहले दिन बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने का कारण है। काबर से जुड़ी संस्था काबर नेचर क्लब के संयोजक महेश भारती कहते हैं कि आज भी पर्यटक झील में नौका-विहार का आनंद उठाते हैं। झील में जंगल-झाड़ अधिक हो जाने से पूरे झील क्षेत्र में नौका-विहार का मजा नहीं ले पाते है। सरकार की उपेक्षा के कारण प्रकृति की सुंदर परिकल्पना पर ग्रहण लगा हुआ है। मंझौल एसडीओ दुर्गेश कुमार ने बताया कि नववर्ष के अवसर पर पहुंचने वाले पर्यटकों की भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गई है। पूरे क्षेत्र को बीस प्वांइट में बांट कर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस अधिकारी को तैनाती किया गया है। मंझौल-गढपुरा पथ पर नित्यानंद चौक से जयमंगलागढ़ मोड़ तक वन वे ट्राफिक की व्यवस्था की गई है।


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