नये साल के स्वागत के लिए सैलानियों से गुलजार हुई स्वर्णनगरी

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जैसलमेर, 31 दिसंबर (हि.स.)। पिछले दो साल से कोरोना से नुकसान झेल रहे जैसलमेर के पर्यटन उद्योग को इस बार बड़ा फायदा हो रहा है। नया साल जैसलमेर में मनाने के लिए हजारों की तादाद में सैलानी जैसलमेर पहुंच गए हैं। जैसलमेर की होटेलों और सम के रिसोर्ट्स में इन दिनों नो रूम की स्थिति है, लेकिन इसके बावजूद सैलानियों का जैसलमेर आना लगातार जारी है।
जैसलमेर के पर्यटन स्थलों पर सैलानियों का सैलाब देखा जा रहा है। सैलानी जैसलमेर में अंग्रेजी न्यू इयर की पार्टी करने के लिए आए हैं। जैसलमेर के ऐतिहासिक स्थानों पर पैर रखने की जगह नहीं है। सैलानियों की आवक के शानदार सीजन के चलते जैसलमेर में इन दिनों होटलों के रूम के किराए भी दुगुनी से तीन गुनी कीमत में जा रहे है, लेकिन इन सबके बावजूद लोग इस साल को नाचते-गाते रेतीले टीलों पर विदा करने के लिए जैसलमेर की तरफ आ चुके हैं। सैलानियों के सैलाब से जैसलमेर के होटल वाले भी काफी खुश है और मेहमानों की आवभगत में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।
सैलानियों के जोश में कोई कमी नहीं है। होटल वाले भी उनकी आवभगत में कोई कमी नहीं आने देना चाहते हैं। कई तरह के लजीज खाने और डांस डिनर की व्यवस्था सैलानियों के लिए की गई है। इस बार पर्यटन इंडस्ट्री से जुड़े सभी पक्ष पर्यटकों के स्वागत को तैयार हैं । यही कारण है कि बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंच चुके हैं और जनवरी के पहले सप्ताह तक भी आने की उम्मीद जताई जा रही है।
पुलिस अधीक्षक डॉ अजय सिंह ने बताया कि नया साल मनाने आये सैलानी जैसलमेर से अच्छी यादें लेकर जाएं, इस के लिए सुदृढ़ यातायात व्यवस्था की गई है तथा सम से जैसलमेर आने व जाने के लिए अलग अलग मार्ग तय किये गए है।
देश-दुनिया के नक्शे पर रेगिस्तान के साथ अपनी अलग पहचान रखने वाली गोल्डनसिटी जैसलमेर की सबसे प्रसिद्ध गड़ीसर झील पर इन दिनों सैलानियों का मेला सा लगता है। जैसलमेर आए सभी सैलानी गड़ीसर लेक पर बोटिंग का आनंद उठाने जरूर आते हैं। जैसलमेर की ऐतिहासिक इमारतों में से एक गड़ीसर लेक अपनी सुंदरता की वजह से सैलानियों को अपनी तरफ खींचती है। वैसे तो लेक पर दिन भर सैलानियों की रेलमपेल रहती है मगर शाम के समय यहां मेला सा लगता है। शाम होते ही सैलानी यहां पहुंच जाते हैं और बोटिंग के लुत्फ उठाते हैं। पहली बार जैसलमेर आने वाला सैलानी रेगिस्तानी इलाके में पानी की इतनी बड़ी झील देखकर सरप्राइज भी होता है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को वर्चुअल कार्यक्रम के तहत पर्यटन विभाग द्वारा 6 करोड़ 23 लाख रुपये की लागत से जैसलमेर की ऐतिहासिक गड़ीसर झील पर नवनिर्मित लाइट एंड साउंड शो का लोकार्पण किया । मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है। इसके बाद शाम के समय गड़ीसर पर लाइट एंड साउंड शो का विधिवत प्रदर्शन गड़ीसर की आभा में चार चांद लगा रहा है।

विश्व प्रसिद्ध सोनार दुर्ग, पटवों की हवेली तथा शहर से 42 किलोमीटर दूर सम के लहरदार रेतीले धोरों तक पर्यटकों की रेलमपेल नज़र आ रही है । जैसलमेर आने वाले सभी सैलानी नववर्ष 2022 का स्वागत करने के लिए आतुर है। सैलानियों की पहली पसंद पीत पाषाण से निर्मित सोनार दुर्ग, पटवों की हवेलियाँ, तथा गड़ीसर भ्रमण के बाद रेतीले धोरों पर अठखेलियां करने तथा ऊंट की सवारी करने की रहती है । क्षितिज में लुप्त होते सूर्यास्त का मनोरम दृश्य सैलानियों का ध्यान बरबस अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। सूर्यास्त के पश्चात सम स्थित पर्यटन व्यवसायी, पधारो म्हारे देश की तर्ज़ पर अपने तंबुओं पर लोकसंगीत पर थिरकते हुए लोक कलाकार तथा कैम्प्फ़ायर के साथ रात्रिभोज के लिए पालक पावड़े बिछाए तैयार रहते है। स्कूलों के शीतकालीन अवक़ाश तथा सैलानियों की बम्पर आवक को देखते हुए स्थानीय पर्यटन व्यवसायी तथा अन्य दुकानदारो में उत्साह देखा जा रहा है।


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