धमतरी : प्रदेश के 4139 डाकघर जुड़े कोर बैंकिंग प्रणाली से

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धमतरी , 24 फरवरी (हि.स.)। पोस्ट मास्टर जनरल रामचंद्र जायभाये ने बताया कि छग प्रदेश के 4139 डाकघर कोर बैंकिंग प्रणाली से जुड़ गए है। इसका लाभ लोगों को मिलेगा। वहीं डाक विभाग के वित्तीय समावेशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को जोड़ने जोर दिया।
छत्तीसगढ़ परिमंडल के पोस्टमास्टर जनरल रामचन्द्र जायभाये ने बताया कि बजट घोषणाओं के अनुसार 2022 में भारत के सभी 1.5 लाख डाकघरों को कोर बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा जाएगा। अब डाकघर के खाताधारकों को नेट बैंकिंग, मोबाईल बेंकिंग, एटीएम की सुविधा डाकघरों से मिलेगी। अब डाकघर खातों और बैंक खातों के बीच राशि का आनलाईन ट्रांन्सफर आसानी से हो जाएगा। वहीं वित्तीय समावेशन और डिजिटल बैंकिंग को और भी बढ़ावा देने डाक विभाग जुटे हुए है।
जायभाये ने कहा कि इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में शत्-प्रतिशत डाकघर को कोर बैंकिंग से जोड़ दिया गया है। इनमें 10 प्रधान डाकघर, 353 उप डाकघर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत 3786 शाखा डाकघर सहित कुल 4139 डाकघर शामिल है।
बचत योजनाओं के 35.14 लाख खाता संचालित
कोर बैंकिंग से जुड़ने वाला प्रथम डाकघर दिसंबर 2014 में रायपुर जीपीओ और अंतिम डाकघर 17 नवबंर 2021 को बिलासपुर संभाग के अंतर्गत डभरा उपडाकघर रहा। शाखा डाकघरों में विशेष प्रकार की दर्पण डिवाइस देते हुए उन्हें कोर बैंकिंग से जोड़ते हुए हाईटेक बनाया गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में और विशेष रूप से महिलाओं, किसानों, कारीगरों और बुजुर्गाें को मिलेगा। सरकार की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा और लोक कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की सुविधा सहज रूप में अपने नजदीकी डाकघरों से मिल सकेगी।
पोस्टमास्टर जनरल रामचन्द्र जायभाये ने कहा कि छत्तीसगढ़ में डाकघरों में विभिन्न बचत योजनाओं के 35.14 लाख खाता संचालित है। इनमें बचत बैंक, आरडी, टीडी, एमआईएस, पीपीएफ, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, एनएससी, केवीपी, जैसी तमाम योजनाएं शामिल है, जिनमें हर वर्ग के लोग निवेश करते है। प्रदेश में डाक विभाग के 14 एटीएम है, जिसे डाकघर के साथ-साथ विभिन्न बैंकों के खाताधारक भी पैसे निकाल सकते हैं। वर्मतान में 48 हजार से ज्यादा डाक बचत खाताधारक एटीएम की सुविधा का इस्तेमाल कर रहें है। निश्चित रूप से बजट के नए प्रावधानों से इन सबकी संख्या में और भी बढ़ोतरी होगी और डिजिटल बैंकिंग व वित्तीय समावेशन को और व्यापकता मिलेगी।


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