देश में 30-40 वर्षों से अटकी 99 सिंचाई परियोजना को पूरा करने में जुटी है केंद्र सरकार : प्रधानमंत्री

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पिछली सरकार ने पांच साल में 25 लाख घर बनवाए थे, हमने अब तक 1 करोड़ 25 लाख घर बनवाए
मेदिनीनगर, 05 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश के किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए पिछले 30-40 वर्षों से अटकी पड़ी 99 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का काम उनकी सरकार कर रही है।
प्रधानमंत्री ने शनिवार को झारखंड के पलामू जिले के मेदिनीनगर के चियांकी हवाई अड्डे पर राज्य की छह महत्वाकांक्षी सिंचाई योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इन सिंचाई योजनाओं को पूरा करने में 90 हजार करोड़ रुपया खर्च किया जा रहा है। यह काम करने का उनका तरीका है। पिछली सरकारों ने किसानों को वोट बैंक बनाने और उनका कर्ज माफी करने का काम किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों को मजबूत करने का काम कर रही है। विपक्षी पार्टी किसानों को कर्जदार और नौजवानों को याचक बना रही है। सारी चीजें सरकार के भरोसे हो, ऐसा हम नहीं चाहते| हम चाहते हैं कि देश की सरकार देशवासियों से चलनी चाहिए, आपकी ताकत से चलनी चाहिए और आपके भरोसे से चलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन 99 योजनाओं में अनेक योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और बहुत सी योजनाएं आखिरी चरण में हैं। पहले की सरकार किसानों को वोट बैंक समझती थी| हमारी सरकार उन्हें अन्नदाता समझती है। किसान को ताकतवर बनाने की राह पर हम चल रहे हैं। किसानों की सेवा करना हमारा धर्म है| उन्हें सशक्त तथा नयी सोच के साथ आगे बढ़ाने का हम प्रयास कर रहे हैं। हम किसी के नाम पर नहीं, काम पर विश्वास करते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आज 25 हजार लाभुकों को यहां घर दिया गया। 2022 तक सभी गांव या शहर में रहने वाले लोगों को घर मिले, इसके लिए हम काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की गयी है। पहले योजना किसी परिवार के नाम से चलती थी और सरकारों को घर देने की नहीं, नाम की चिंता होती थी। लेकिन हमारी सरकार ने योजना का नाम बदल दिया और प्रधानमंत्री आवास योजना नाम रखा। गरीबों को घर उपलब्ध कराना हमारा लक्ष्य है। अब इस योजना के तहत लाभुकों को चेले-चपेटों को दक्षिणा नहीं देना होता है। चयन प्रक्रिया में भी पारदर्शिता लायी गयी है। लाभुक को घर पाने में किसी प्रकार दिक्कत न हो, इसकी व्यवस्था की गयी है। लाभार्थी के खाते में सीधे पैसे जाते हैं। इससे बिचौलियों पर लगाम लगा है। कमीशन खोरी बंद हो गयी है। अब परिवार को जो मकान बन रहा है, वह परिवार की प्रमुख महिला के नाम पर मिल रहा है। इससे महिलाएं भी सशक्त हो रही हैं और उनका आत्म सम्मान भी बढ़ रहा है। पहले जो मकान मिलते थे वह खाली दीवारें होती थी। लेकिन अब जो मकान मिल रहा है, उसमें बिजली रसोई गैस का कनेक्शन तथा शौचालय सब कुछ रहता है। घर के क्षेत्रफल का दायरा भी बढ़ा है।
प्रधानमंत्री ने सोनिया गांधी का नाम लिये बगैर कहा कि रिमोट से चलने वाली पिछली सरकार ने पांच साल में 25 लाख घर बनवाये थे और वही लोग मुझ पर कीचड़ उछाल रहे हैं। लेकिन मेरी सरकार ने पांच वर्ष से कम अवधि में एक करोड़ 25 लाख घर बनवाये हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जिस रफ्तार से घर बनवाये थे, उस रफ्तार से घर बनता तो, 25 साल लग जाते और गरीब झोपड़पट्टी में ही अपना जीवन गुजारता। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने मध्य वर्ग के लोगों के लिए घर की चिंता की है और ब्याज में राहत देने की व्यवस्था की है। मध्य वर्गीय 20 लाख का कर्ज मकान के लिए लेता है और 20 साल में पैसा चुकाता है, तो छह लाख की बचत अब उन्हें होगी। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से छह लाख 70 हजार गरीब भाई-बहनों का इलाज हो चुका है। झारखंड के 28 हजार भाई-बहनों को इससे मदद मिल चुकी है। हर रोज 10 हजार लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। उन्होंने न्यू इंडिया और न्यू झारखंड बनाने के लिए लोगों को समर्थन देने का आह्वान करते हुए कहा कि उनके मित्र एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मिलकर दोनों राज्यों के फायदे के लिए मंडल डैम योजना को संपन्न कराने के लिए समझदारी वाला कदम उठाया है। यह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मंडल डैम योजना 1972 से फाइलों में अटकती और भटकती रही| 25 साल से इस परियोजना का काम ठप पड़ा है। उन्होंने कहा कि 30 करोड़ में यह योजना पूरी हो जाती, लेकिन अब 2400 करोड़ रुपया खर्च होगा। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि इसका गुनाहगार कौन है, जिसने आपके टैक्स के पैसे की बर्बादी की है। उन्होंने कहा कि आप ही बताइये जो गुनाहगार हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए की नहीं। चौकीदार का काम हमें करना चाहिए की नहीं। आजादी के इतने सालों तक देश कैसे चल रहा था, यह परियोजना उसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इस पर केस स्टडी भी होनी चाहिए कि कैसे पहले बिहार और झारखंड के साथ नाइंसाफी होती रही और किसानों को वोट बैंक समझा जाता रहा। उन्होंने कहा कि झारखंड और बिहार के सांसद मिलकर उनके पास इस काम के लिए आये और वह निश्चिंत होकर नहीं सोये, बल्कि मुझे भी दौड़ाते रहे। उनका हम अभिनंदन करते हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना भारत के संघीय ढांचे को नई ताकत देने का काम करेगी| झारखंड और बिहार से दूसरे राज्यों को सीख लेनी चाहिए। इससे पहले प्रधानमंत्री ने ललिता देवी समेत पांच लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास योजना की चाभी सौंपी। इस मौके पर 25 हजार लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रघुवर दास, चतरा सांसद सुनील सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।


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