दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे हो सकता है दिल्ली-मुंबई छह-लेन : गडकरी
नई दिल्ली, 08 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को यहां 1,320 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और द्वारका एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस मौके पर एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि स्पीड-चेकिंग सेंसर, सीसीटीवी और इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस यह दिल्ली-मुंबई छह लेन एक्सप्रेस-वे दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे हो सकता है। इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम में यातायात नियमों का उल्लंघन रोकने के साथ ही गति नियंत्रण, गलत मार्ग पर वाहनों की आवाजाही रोकने की अति आधुनिक व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि इसके तैयार होने पर दोनों महानगरों की सड़क मार्ग से यात्रा बेहद सुगम हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारत में सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे अगले तीन वर्षों में 90,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया जाएगा। इस पर 120 किमी प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से वाहन दौड़ेंगे जिससे दो महानगरों के बीच यात्रा समय 24 घंटे से 13 घंटे हो जाएगा। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेस-वे का विस्तार होगा, जिससे राष्ट्रीय राजधानी और वडोदरा के बीच यात्रा का समय 18 घंटे से 9 घंटे तक रह जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे के विकास से दोनों महानगरों के बीच विभिन्न स्मार्ट शहरों, लॉजिस्टिक पार्कों और औद्योगिक क्षेत्रों को लाने में मदद मिलेगी। यह एक्सप्रेस-वे हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में मेवात, रतलाम और दाहोद जैसे अविकसित शहरों से होकर गुजरेगा।
सुषमा स्वराज ने कहा यह परियोजनाएं दिल्ली और हरियाणा के लिए एक उपहार हैं। उसने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे मेवात क्षेत्र के भविष्य को बदल देगा और इसे देश के औद्योगिक मानचित्र पर लाएगा। उन्होंने कहा कि इन नई सड़कों पर 20 लाख से अधिक नए पेड़ लगाए जाएंगे और निकट भविष्य में इन सड़कों के पर्यटकों का आकर्षण बनने की क्षमता है।
अरुण जेटली ने कहा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे देश के दो सबसे महत्वपूर्ण केंद्रों को जोड़ेगा और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा।