दिल्ली: 2000 निजी स्कूल नहीं लेंगे एरियर
स्कूलों ने वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में असमर्थता जतायी है। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को स्कूलों की ओर से इस संबंध में सूचना दी जा चुकी है। एरियर की राशि नहीं लिए जाने के पीछे स्कूलों का तर्क है कि उनके स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2017 तक बढ़ी हुई फीस का एरियर देने की स्थिति में नहीं हैं।
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.सी जैन ने कहा कि लगभग 2000 पब्लिक स्कूलों ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार से मान्यता प्राप्त व सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों ने अपने विद्यालय की प्रबंध समिति में अभिभावकों की उपस्थिति में जब 24 महीने की फीस का एरियर व फीस बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा तो अधिकतर अभिभावकों ने इसे देने में असहमति व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि यदि सातवें वेतन आयोग को लागू करने के लिए फीस बढ़ाते हैं तो अभिभावक स्कूलों के बाहर प्रदर्शन करेंगे और इससे झगड़े बढ़ेंगे। सरकार यदि स्कूलों को दो वर्षों में थोड़ी-थोड़ी फीस बढ़ाने की अनुमति देती रहती तो इस समय अधिक फीस बढ़ाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। उन्होंने दिल्ली सरकार पर अभिभावकों को झूठे सपने दिखाने का आरोप लगाया।
उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वह सरकार से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं कराके फीस के अनुसार वेतन के निर्धारण की मांग करें। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन ने सभी स्कूलों से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू ना करने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान चलाया हुआ है। अब जल्द ही 2 हजार स्कूल के प्रबंधकों के हस्ताक्षर कराकर सरकार को सौंपे जाएंगे।