दस वर्ष की अहाना को कंठस्थ हैं भगवत गीता के अध्याय
बांसवाड़ा, 27 दिसम्बर(हि.स.)। नई पीढ़ी के बच्चे जहां मोबाइल में दिन रात पबजी और अन्य गेम खेलने में उलझे रहते नजर आते हैं ऐसे में यदि महज दस साल की बच्ची अगर भगवत गीता के अध्यायों का पाठ करती नजर आए तो किसी अचरज से कम नहीं है। भगवत गीता ही नहीं बल्कि वह फ्रेंच भाषा भी आसानी से बोल लेती है। यह बालिका है बांसवाड़ा में हाउसिंग बोर्ड की रहने वाली अहाना अग्रवाल। अहाना ने भगवत गीता के अट्ठारह अध्यायों में से आठ अध्याय कंठस्थ कर लिए हैं और गीता के शेष अध्याय सिख रही है। अहाना न केवल भगवत गीता का पाठ पढ़ती है वरन उनका विस्तृत व्याख्या करती है और संदर्भ भी बताती है। अहाना की बुद्धि इतनी तीक्ष्ण है कि एक बार जो उसने सुन लिया उसे याद हो जाता है।
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर पिता जितेश एवं कीर्ति अग्रवाल बताते हैं कि अहाना को बचपन से ही आध्यात्मिक विषयों में रुचि रही है और वह इसके साथ ही पढ़ाई में भी अव्वल है और उसको संगीत और वाद्य यंत्र भी आसानी से बजा लेती है। सीखने की ललक इस कदर है कि जब बच्चे इस उम्र में हिंदी और अंग्रेजी भी सही तरीके से बोल नहीं पाते उस उम्र में अहाना हिंदी, अंग्रेजी के साथ साथ फ्रेंच भी आसानी से बोल लेती है। इसमें अहाना के माता पिता दोनों भी पूरा सहयोग करते हैं और वह बताते हैं कि उनको उनकी बेटी अहाना पर गर्व है। वहीं आहना का मानना है कि स्कूल के पाठ्यक्रम में भगवत गीता को शामिल करना चाहिए और बच्चों को भी इसका अध्ययन करना चाहिए क्योंकि यह पूरे जीवन का आधार है और जीने की राह भी दिखाती है।