दक्षिण मध्य मुंबई : शिवसेना के गढ़ में घमासान का कांग्रेसी प्रयास
मुंबई, 05 मार्च (हि.स.)। दक्षिण मध्य मुंबई संसदीय सीट नए परिसीमन के बाद भी शिवसेना की गढ़ मानी जाती है। पुराने इतिहास पर गौर करें तो यहां का मतदाता अपनापन चाहता है, जो नेता दुख-सुख में काम आए जनता उन्हें अहमियत देती है। पिछले चुनावों पर गौर करें तो इस सीट पर उलटफेर होते रहें हैं। मौजूदा समय में शिवसेना के राहुल शेवाले इस सीट से सांसद हैं। भाजपा-शिवसेना गठबंधन में यह सीट फिर से शिवसेना के हिस्से में है। शिवसेना की ओर से राहुल शेवाले को फिर से उम्मीदवारी देने की चर्चा है। एनसीपी गठबंधन में यह सीट कांग्रेस के पास होगी। देखना दिलचस्प होगा कि जीत का ताज किसके सिर चढ़ेगा।
भाजपा-शिवसेना गठबंधन में यह सीट शिवसेना के कोटे में है। शिवसेना सूत्रों की मानें तो मौजूदा सांसद राहुल शेवाले इस सीट से एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार होंगे। हालांकि इस सीट से एनडीए गठबंधन के दूसरे सहयोगी दल आरपीआई के अध्यक्ष व केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि यह सीट नहीं दी जा रही तो उन्हें ईशान्य मुंबई संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए। उन्होंने दो सीटें मांगी है। दूसरी सीट उन्होंने सोलापुर, लातुर और रामटेक में से कोई एक आरपीआई को देने की मांग की है। याद दिला दें कि शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे इस सीट को बेहद अहम मानते थे।
विपक्षी खेमे पर गौर करें तो यह सीट आघाड़ी गठबंधन में कांग्रेस के हिस्से में है। कांग्रेस की ओर से इस सीट से कौन चुनाव लड़ेगा अभी तक गुलदस्ते में है। हालांकि चर्चा है कि पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। बीते एक मार्च को बीकेसी में हुई रैली में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने एकनाथ गायकवाड का नाम लेकर उनके चुनाव लड़ने के संकेत दिया। इसके अलावा भालचंद्र मुंगड़ेकर का नाम भी चल रहा है। यदि उम्र का मसला आता है तो एकनाथ गायकवाड की विधायक पुत्री व पूर्व महिला व बाल कल्याण मंत्री वर्षा गायकवाड को इस संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है। यहां सतकरीबन साढ़े 14 लाख मतदाता हैं। इस सीट के अंतर्गत आनेवाली छह विधान सभा सीटों में शिवसेना के तीन, भाजपा का एक और कांग्रेस के दो विधायक हैं। इस संसदीय सीट पर अंडरवर्ल्ड डॉन अरूण गवली भी भाग्य आजमा चुके हैं। गवली ने इस सीट से वर्ष 2004 में लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वे तीसरे स्थान पर रहे।
यह संसदीय सीट दलित, मुस्लिम और मराठी भाषी बहुल्य क्षेत्र मानी जाती है। हिंदी भाषी, दक्षिण भारतीय और पंजाबी समुदाय निर्णायक भूमिका में हैं। यहां खासकर मेहनत कश, छोटे व्यापारी और केंद्रीय अधिकारियो व कर्मचारियों का बड़ा तबका रहता है। छोटे दलों के उम्मीदवारों की उपस्थिति भी इस सीट पर प्रभाव डालेगी। धारावी पुनर्वास, बीडीडी चाल, झुग्गी झोपडि़यों का विकास, जर्जर इमारतें, पानी, शौचालय, रोजगार, परिवहन, खारीय क्षेत्र, बंदरगाह, प्रदुषण, बीपीटी क्षेत्र का विकास, कोस्टल रोड, शिवड़ी-न्हावा सेवा ओवर ब्रीज जैसे प्रमुख मुद्दे हैं। पुराने परसीमन में शिवसेना के मोहन रावले इस सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं। वर्ष 2014 के चुनाव में शिवसेना राहुल शेवाले ने कांग्रेस के एकनाथ गायकवाड को 1 लाख 38 हजार 180 वोटों से पराजित किया था।
इस सीट से जयश्री रायजी (कांग्रेस), श्रीपद अमृत डांगे (सीपीआई), विठ्ठल बालकृष्ण गांधी (कांग्रेस), अब्दुल कादिर (कांग्रेस), बीसी कांबले (बीएलडी),आरआर भोले (कांग्रेस), दत्ता सामंत (निर्दलीय), वामनराव महाडिक (निर्दलीय), मोहन रावले (शिवसेना), एकनाथ गायकवाड (कांग्रेस) और राहुल शेवाले (शिवसेना) सांसद रह चुके हैं। पिछले चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो वर्ष 1999 के चुनाव में शिवसेना के मोहन रावले (1,76,323) ने समाजवादी पार्टी के माजीद मेनन (97,287) को 79036 वोटों से पराजित किया था। वर्ष 2004 के चुनाव में फिर मोहन रावले (1,28,536) ने एनसीपी के सचिन अहिर (1,06,348) को 22188 से हराया था। वर्ष 2009 के चुनाव में कांग्रेस के एकनाथ गायकवाड ने शिवसेना के गढ़ में सेंध लगाई। गायकवाड ने (2,57,523) शिवसेना के सुरेश गंभीर (1,81,817) को 75,705 वोटों से पराजित किया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना ने फिर वापसी की। शिवसेना के राहुल शेवाले (3,81,008) ने कांग्रेस के एकनाथ गायकवाड (2,42,828) को 1,38,180 वोटों से शिकस्त दी।