त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे महंत कृष्णलाल महाराजः ज्ञानदेव सिंह

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हरिद्वार, 25 दिसंबर (हि.स.)। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में ब्रह्मलीन महंत कृष्णलाल महाराज का श्रद्धांजलि समारोह हुआ। इसमें अखाड़े में स्थित गुरुद्वारा में शबद कीर्तन और अरदास कर विश्व कल्याण की कामना करते हुए महंत कृष्णलाल महाराज को संतों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।

श्रद्धालु संगत को संबोधित करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। ब्रह्मलीन महंत कृष्णलाल महाराज साक्षात त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र रक्षा और धर्म रक्षा के लिए समर्पित किया। उनका आदर्श पूर्ण जीवन सभी के लिए प्रेरणादायी है। ऐसे महापुरुषों को संत समाज सदैव स्मरण करता रहेगा।

कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि संतों का जीवन मानव सेवा एवं परोपकार के लिए समर्पित रहता है। ब्रह्मलीन महंत कृष्णलाल महाराज एक विद्वान एवं तपस्वी संत थे। उन्होंने निर्मल परंपरांओं का निर्वहन करते समस्त देश में भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का प्रचार प्रसार किया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुलनीय योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।

महंत अमनदीप सिंह महाराज एवं ज्ञानी महंत खेम सिंह महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत कृष्णलाल महाराज एक महान संत थे।

इस अवसर पर महंत गुरमीत सिंह, महंत निर्भय सिंह, संत गुरूप्रीत सिह, संत सोहन सिंह, संत जसवंत सिंह, संत गज्जन सिंह, शास्त्री निर्मल सिंह, संत हरजोध सिंह, संत सुखमन सिंह, संत तलविन्दर सिंह, संत विष्णु सिंह, संत जसकरण सिंह, प्रिंस पांडे सहित कई संत महापुरूष उपस्थित रहे।


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