तीसरा चरण : उत्तर प्रदेश में मुलायम के परिवार की साख दांव पर
मुस्लिम बहुल इलाकों में भी पिछली बार खिला था कमल
चाचा-भतीजा आमने-सामने
लखनऊ, 19 अप्रैल (हि.स.)। दूसरे चरण का मतदान समाप्त होते ही सभी पार्टियों ने अपनी ताकत तीसरे चरण के मतदान में झोंक दी है। इस चरण में उत्तर प्रदेश में दस सीटों के लिए चुनाव होना है, जो समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए विशेष चुनौती है। इस चरण में मात्र एक सीट बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पास है। वर्ष 2014 में इन 10 सीटों सात सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था, वहीं तीन सीटों पर सपा काबिज हुई थी। तीसरे चरण में मुलायम सिंह के परिवार की साख भी दांव पर लगी है। मैनपुरी सीट पर मुलायम सिंह यादव दांव आजमा रहे हैं, वहीं फिरोजाबाद सीट पर मुलायम परिवार के चाचा-भतीजा (शिवपाल और अक्षय यादव) आमने-सामने हैं।
रामपुर लोकसभा सीट
तीसरे चरण में सर्वाधिक मुस्लिम मतदाताओं वाले सीट रामपुर में सपा के आजम खां को इसी सीट से दो बार सांसद रहीं भाजपा उम्मीदवार के रूप में जयाप्रदा टक्कर दे रही हैं। इस सीट पर मुस्लिम मतदाओं की संख्या 51 फीसदी है। इसके बावजूद 2014 में यहां से भाजपा के नेपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी।
मुरादाबाद लोकसभा सीट
मुरादाबाद में 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यहां मौजूदा भाजपा सांसद कुंवर सर्वेश सिंह को कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी और सपा के डाॅ. एसटी हसन टक्कर दे रहे हैं। वर्ष 2014 में पहली बार यहां कमल खिला था लेकिन इस बार इमरान प्रतापगढ़ी ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। इस सीट पर छह लाख मुस्लिम मतदाता है, जबकि एक लाख राजपूत, सवा लाख सैनी मतदाताओं की संख्या है।
संभल लोकसभा सीट
संभल लोकसभा सीट पर भाजपा के परमेश्वर लाल सैनी के खिलाफ शफीकुर्रहमान बर्क, कांग्रेस के मेजर जगत पाल मैदान में हैं। यह भी मुस्लिम बहुल सीटों में आती है। इसके बावजूद यहां 2014 में कमल खिला था।
फिरोजाबाद लोकसभा सीट
फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर चाचा बनाम भतीजे की लड़ाई है। यहां से राम गोपाल यादव के लड़के अक्षय यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के डाॅ. चंद्रसेन जादौन सहित छह उम्मीदवार मैदान में हैं। कांग्रेस ने इस सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है।
मैनपुरी लोकसभा सीट
मैनपुरी लोकसभा सीट पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य सहित 12 उम्मीदवार मैदान में हैं। यहां कांग्रेस ने सपा को समर्थन दिया है।
ऐटा लोकसभा सीट
ऐटा से कल्याण सिंह की राजनीतिक विरासत संभाल रहे राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। सपा ने यहां से पूर्व सांसद देवेंद्र यादव को मैदान में उतारा है, जबकि बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी ने सूरज सिंह पर दांव खेला है, जिन्हें कांग्रेस समर्थन कर रही है। लोध और शाक्य मतदाताओं की अधिकाधिक संख्या वाले इस सीट पर कल्याण सिंह का दबदबा रहा है।
बदायूं लोकसभा सीट
बदायूं लोकसभा सीट पर दो बार से सांसद रह चुके धर्मेंद्र यादव और योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य आमने-सामने हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के पूर्व मंत्री सलीम शेरवानी भी मैदान में हैं। यहां भी मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है।
आंवला लोकसभा सीट
आंवला में 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। यहां बीजेपी के सांसद धर्मेंद्र कश्यप और गठबंधन से बसपा के उम्मीदवार रूचिविरा तथा कांग्रेस के कुंवर सर्वराज सिंह के बीच मुकाबला है। रूचिविरा बिजनौर की रहने वाली हैं। इस कारण उनके लिए यह क्षेत्र बिल्कुल नया है।
बरेली लोकसभा सीट
बरेली लोकसभा सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद संतोष गंगवार, कांग्रेस के प्रवीण सिंह ऐरन और सपा के भगवत शरण गंगवार के बीच टक्कर है। संतोष गंगवार सात बार से इस सीट से विजयी रहे हैं।
पीलीभीत लोकसभा सीट
भाजपा की परम्परागत सीट मानी जाने वाली पीलीभीत पर इस बार भाजपा ने अदला-बदली करते हुए वरुण गांधी को सुल्तानपुर की जगह पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया है। जबकि मेनका गांधी को पीलीभीत की जगह सुल्तानपुर से उम्मीदवार बनाया गया है। पीलीभीत से इस बार कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं। सपा ने इस बार यहां से हेमराज वर्मा पर दांव खेला है।