डिजिटल युग में भी प्रासंगिक हैं छपी हुई किताबें : जावड़ेकर

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मानव संसाधन विकास मंत्री ने प्रगति मैदान में 27वें विश्व पुस्तक मेले का उद्घाटन किया
नई दिल्ली, 05 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को प्रगति मैदान में 27वें विश्व पुस्तक मेले का उद्घाटन किया। डिजिटल युग में भी छपी हुई किताबों को प्रासंगिक करार देते हुए उन्होंने कहा कि किताबों की दुनिया अलग है| इसलिए मेले में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पुस्तक प्रेमी पहुंचते हैं।
जावड़ेकर ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिखित पुस्तक ‘एग्जाम वॉरियर्स’ की प्रति मुख्य अतिथि देश शारजाह के राजकीय संबंध विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष शेख फहीम बिन सुल्तान अल कासिमी को भेंट की। मेले की थीम “दिव्यांग जनों की पठन आवश्यकता” के मद्देनजर उन्होंने दिव्यांगों को समर्पित एक कैलेंडर और ब्रेल लिपि की पुस्तकों का विमोचन किया। इसके अलावा जावड़ेकर ने बीबी फातिमा एंड किंग्स संन्स पुस्तक का भी विमोचन किया।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि डिजिटल माध्यमों, किंडल, टेलीविजन और ऑडियो बुक्स के बावजूद छपी हुई किताबों को पढ़ने की चाहत कम नहीं होती। यही भारत की संस्कृति है। उन्होंने कहा कि प्रगति मैदान के पुनर्निर्माण कार्य के बीच यहां सीमित स्थान में पुस्तक मेले का आयोजन करना हर्ष का विषय है। मेले में 20 देश और 650 प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं। यहां विभिन्न भाषाओं की पुस्तकों के लिए 1350 स्टॉल लगाए गए हैं। उन्होंने पिछले वर्ष मेले में पुस्तक प्रेमियों के आंकड़े का जिक्र करते हुए कहा कि गत वर्ष 12 लाख लोग यहां आए थे और इस साल यह रिकॉर्ड टूटेगा।
शेख फहीम बिन सुल्तान अल कासिमी ने कहा कि भारत और शारजाह के बीच शिक्षा, व्यापार, संस्कृति सहित तमाम क्षेत्रों में दशकों पुराने संबंध हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला बुद्धिजीवियों के विचारों को साझा करने का मंच प्रदान करता है।


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