ट्रेन-18 को मिला आधिकारिक नाम ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’, फरवरी से दिल्ली-बनारस के बीच दौड़ेगी
नई दिल्ली (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत रिकॉर्ड समय में तैयार देश की पहली सेमी हाई स्पीड ( मध्यम तेजगति) रेलगाड़ी ट्रेन-18 का आधिकारिक नाम ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ होगा। ट्रेन को फरवरी से दिल्ली और वाराणसी के बीच चलाया जाएगा।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया के विजन की प्राप्ति के लिए भारत की यह एक ‘वंदनीय’ उपलब्धि है। इसी के चलते ट्रेन को यह नाम दिया गया है। ट्रेन के परिचालन के लिए मुख्य संरक्षा आयुक्त से अनुमति मिल गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने का अनुरोध किया गया है।
ट्रेन सेट का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत 18 महीने की रिकॉर्ड अवधि में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा किया गया है। राजधानी ट्रेनों के शुभारंभ के बाद से वंदे भारत एक्सप्रेस गति और सुविधा के मामले में भारतीय रेलवे के लिए अगली बड़ी छलांग है। यह भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है जो विश्व स्तरीय यात्री सुविधाओं से सुसज्जित है। यह 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से दौड़ने में सक्षम है। इससे यात्रा में 25 प्रतिशत से 45 प्रतिशत तक समय की बचत होगी। नई दिल्ली और वाराणसी के बीच की लगभग 781 किलोमीटर की दूरी यह लगभग 8 घंटे में तय करेगी। इससे यह इन दोनों शहरों को जोड़ने वाली सबसे तेज ट्रेनों की तुलना में 40-50 प्रतिशत अधिक तीव्र होगी।
रेलवे सूत्रों के अनुसार ट्रेन को नई दिल्ली से सुबह छह बजे रवाना करने और वापसी दिशा में वाराणसी से तीन बजे रवाना करने की योजना है। यात्रा के दौरान मार्ग में यह रेलगाड़ी केवल कानपुर और इलाहाबाद स्टेशनों पर ही रुकेगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस में कई आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं जो भारतीय रेलवे में पहली बार शुरू हुई हैं। यह स्टेट ऑफ द आर्ट यात्री सुविधाओं जैसे कि ऑन-बोर्ड वाईफाई मनोरंजन, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, सीसीटीवी, जैव-वैक्यूम शौचालय, कार्यकारी कक्षा में घूमने वाली कुर्सियों आदि। इसमें दिव्यांग के अनुकूल सुविधाओं का भी प्रावधान है। इसमें दो एग्जीक्यूटिव चेयर कार और 14 चेयर कार के साथ चेयर कार टाइप कॉन्फ़िगरेशन वाले 16 कोच होंगे।