ट्रम्प ने आपात स्थिति नहीं लगाई पर प्रतिपक्षी डेमोक्रेट के सम्मुख रखे लुभावने प्रस्ताव

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वाशिंगटन, 20 जनवरी (हि.स.)| राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में आपात स्थिति की घोषणा नहीं की। उन्होंने प्रशासन के कामकाज ठप होने के कारण लोगों के ग़ुस्से के मद्देनज़र प्रतिपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी की दुखती रग पर हाथ रखते हुए एक प्रस्ताव रखा है कि वह सात लाख ग़ैर पंजीकृत आव्रजकों के लिए तीन साल का समय बढ़ा सकते हैं, बशर्ते वह मेक्सिको सीमा पर स्टील की सुदृढ़ दीवार निर्माण के लिए 5.7 अरब डालर के आवंटन पर सहमति व्यक्त करें। ट्रम्प ने मात्र तेरह मिनट के संबोधन के तुरंत बाद कांग्रेस में प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी और सीनेट में प्रतिपक्ष के डेमोक्रेटिक नेता चुक शुमर ने राष्ट्रपति के प्रस्ताव को सिरे से ख़ारिज कर दिया। शुमर ने कहा कि राष्ट्रपति आव्रजकों को बंधक बनाने का मज़ाक़ उड़ा रहे हैं। इधर प्रशासन कामकाज ठप होने के कारण संघीय सेवाओं में कार्यरत आठ लाख कर्मियों का ग़ुस्सा लावा बनकर फूट रहा है। मंगलवार को प्रशासन ठप होने के एक महीना पूरा हो जाएगा और उन्हें दूसरे पखवाड़े के भुगतान से भी वंचित रहना पड़ेगा। अमेरिकी मीडिया में चर्चा है कि व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के सलाहकार प्रशासन ठप होने के कारण दोनों बड़ी पार्टियों में गतिरोध को ख़त्म किए जाने के उपायों पर लगे हुए हैं। राष्ट्र के नाम एक महीने में दूसरी बार संबोधन में राष्ट्रपति ने डेमोक्रेट को लुभाने के लिए बरसों पहले ‘डेफेर्ड एक्शन फ़ॉर चाइल्ड़हुड एराइवल’ (डी ए सी ए) और टेम्पोरेरी प्रोटेक्टेड स्टेटस (टी पी एस ) के अधीन आव्रजकों को रियायत दिए जाने के लिए पत्ता फेंका था, लेकिन डेमोक्रेट को ट्रम्प का यह प्रस्ताव रास नहीं आया। डेमोक्रेट का कहना है कि राष्ट्रपति ने सत्तारूढ़ होते ही इन दोनों स्कीम के तहत अवैध और वैध आव्रजकों की नकेल कसने के लिए क़दम उठाए थे। डी ए सी ए के तहत बरसों पहले आए अवैध आव्रजकों को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कांग्रेस में कोई पुख़्ता विधान बनाने तक एक कार्यकारी आदेश जारी करते हुए उन्हें तीन -तीन साल की मोहलत देने और अमेरिका में रहते हुए काम करने का अधिकार दिया था। टी पी एस अर्थात लेटिन अमेरिका और अफ़्रीका से आए अस्थाई तौर पर आव्रजकों की अमेरिका में रहते हुए समय सीमा बढ़ाए जाने का संकेत दिया है। इन दोनों सुझावों पर राष्ट्रपति ने कहा कि वह इन दोनों मामलों में राहत देने के लिए वह तैयार हैं। 


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