झारखंड: लोस चुनाव में भाजपा ने 3 नए चेहरों के साथ 10 सांसदों पर जताया भरोसा
रांची, 17 अप्रैल (हि.स.)। झारखंड में लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम तय होने के साथ ही मुकाबले की तस्वीर अब काफी हद तक साफ हो गयी है। राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का मुख्य घटक दल भारतीय जनता पार्टी लोकसभा की 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसने गिरिडीह सीट सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) को दी है। भाजपा ने तीन सांसदों को इस बार टिकट न देकर उनकी जगह नये चेहरों को मैदान में उतारा है। पार्टी ने अपने दस सांसदों पर इस बार भी भरोसा जताया है।
भाजपा के तीन नए चेहरों पर लगाया दांव
भाजपा ने रांची से झारखंड राज्य खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ, खूंटी से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी पर दांव लगाया है। राज्य की सबसे हाई प्रोफाइल सीट रांची पर इस बार संजय सेठ को उम्मीदवार बनाया गया है। रांची के वर्तमान सांसद रामटहल चौधरी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के तय उम्र के मानकों पर खरे नहीं उतरे। इसलिए उनकी जगह नये चेहरे को मौका दिया गया है। रामटहल चौधरी भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गये थे। चौधरी रांची से वर्ष 1991, 1996, 1998, 1999 और 2014 में भी लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे।
खूंटी से आठ बार सांसद और खिजरी से दो बार विधायक रहे कड़िया मुंडा को भी बढ़ती उम्र के कारण इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया गया। भाजपा के टिकट पर वह लगातार आठ बार चुनाव लड़कर जीतते रहे हैं। झारखंड बनने के बाद दो बार 2009, 2014 और राज्य बनने के पहले 1977, 1989, 1991, 1996, 1998 और 1999 का चुनाव भी कड़िया मुंडा जीते थे। इसके अलावा कड़िया मुंडा बिहार विधानसभा और झारखंड विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। वह 1982-84 तक बिहार विधानसभा के सदस्य रहे जबकि 2005 से 2009 तक झारखंड विधानसभा के सदस्य रहे। मुंडा आठ जून 2009 को 15वीं लोकसभा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
भाजपा ने कोडरमा से 2014 में सांसद रहे रवींद्र राय का भी टिकट काट दिया है। रवींद्र राय 2000 और 2005 में भाजपा के टिकट पर राजधनवार से विधायक रहे। इस बार उनकी जगह राजद छोड़कर हाल ही में भाजपा में शामिल हुईं अन्नपूर्णा देवी को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। अन्नपूर्णा देवी पहली बार 1998 में हुए उपचुनाव में कोडरमा से विधायक बनीं। वे वर्ष 2000, 2005 और 2009 का विधानसभा चुनाव कोडरमा से जीत चुकी हैं लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की नीरा यादव से पराजित हुई थीं।
भाजपा ने दस पुराने चेहरों पर जताया भरोसा
भाजपा ने राज्य की दस सीटों पर पुराने चेहरों को ही एक बार फिर से मैदान में उतारा है। इनमें सात सीट पर पिछली बार भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों और दो हारने वाले उम्मीदवारों को इस बार भी मौका दिया हैं। मौजूदा सांसदों में गोड्डा से निशिकांत दूबे, पलामू से बीडी राम, लोहरदगा से केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत, धनबाद से पीएन सिंह, जमशेदपुर से विद्युतवरण महतो, हजारीबाग से केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और सिंहभूम सीट से लक्ष्मण गिलुवा इस बार फिर किस्मत अजमा रहे हैं।
संथाल परगना की दुमका से सुनील सोरेन और राजमहल सीट से हेमलाल मुर्मू को पुन: उम्मीदवार बनाया गया है। सुनील सोरेन पिछले चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन से और हेमलाल मुर्मू झामुमो के ही विजय हासंदा से हार गये थे। भाजपा इस बार एक बार फिर संथाल परगना की इन दोनों सीटों को झामुमो से छीनने की भरपूर कोशिश कर रही है। उधर, भाजपा की सहयोगी आजसू ने गिरिडीह लोकसभा सीट से राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है।