जेएनयू प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ी, रिकॉर्ड 88 हजार आवेदन

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नई दिल्ली, 15 अप्रैल (हि.स.)। देश सहित दुनिया के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जेएनयू ने आगामी शैक्षणिक सत्र में कई कीर्तिमान बनाने की दिशा में कदम बढ़ा लिए हैं। इस बार जेएनूय में प्रवेश के लिए रिकॉर्ड आवेदन आए हैं। यह पहली बार होगा जब जेएनयू प्रवेश परीक्षा कम्पयूटराइज्ड होगी। इसके अलावा जेएनयू प्रवेश प्रक्रिया का संचालन एक विशेष एजेंसी करेगी। नई दिल्ली स्थित जेएनयू पूरी दुनिया में अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता के चलते जाना जाता है।
जेएनयू के निदेशक(प्रवेश) दीपक गौर ने सोमवार को बताया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) ने जेएनयू प्रवेश परीक्षाओं(जेएनयूईई) और संयुक्त जैव प्रौद्योगिकी प्रवेश परीक्षा(सीईईबी) 2019-20 के लिए पंजीकरण और आवेदन जमा करने की समय सीमा को 18 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। पहले आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल थी। आवेदन शुल्क भुगतान की समय सीमा को भी 16 से बढ़ाकर 19 अप्रैल कर दिया गया है।
नए शैक्षणिक सत्र के लिए जेएनयू प्रवेश परीक्षा के लिए अब तक 87,950 छात्रों ने फीस भुगतान के साथ आवेदन पत्र जमा किया है। यह पिछले सालों के मुकाबले विश्वविद्यालय को प्रवेश परीक्षा के लिए मिलने वाले आवेदनों की एक रिकॉर्ड संख्या है। विश्वविद्यालय ने अंतिम तिथि को तीन दिन और बढ़ा दिया है ऐसे में आवेदनों की संख्या का ग्राफ अभी और ऊपर जा सकता है। विश्वविद्यालय के आधिकारिक आंकड़ों पर नजर डालें तो 2017 में 51,818 और 2018 में 69,605 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था।
यह इस बात का प्रमाण है कि जेएनयू में प्रवेश के इच्छुक छात्रों ने विश्वविद्यालय में पहली बार होने जा रही कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा को खुला समर्थन दिया है।
जेएनयू ने कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी(एनटीए) के साथ समझौता किया है। एनटीए असल में केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित एक विशेष एजेंसी है। एनटीए को आवेदन पंजीकरण प्रक्रिया और सभी परीक्षाओं का संचालन करने का जिम्मा सौंपा गया है।


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