जीरो बजट खेती को बढ़ावा देने के लिए गांवों को गोद लें कृषि विश्वविद्यालय : राज्यपाल
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए आगे आएं कृषि विश्वविद्यालय के छात्र
कानपुर, 27 दिसम्बर (हि.स.)। जीरो बजट खेती अब समय की मांग बनती जा रही है और इससे एक तरफ जहां किसान लाभान्वित होंगे तो वहीं दूसरी तरफ कृषि योग्य जमीन खराब होने से बच जाएगी। इस खेती को बढ़ावा देने के जरूरी है कि हर कृषि विश्वविद्यालय अधिक से अधिक गांवों को गोद लें और किसानों को जागरूक करें। इसके साथ ही कृषि विश्वविद्यालयों के छात्रों को चाहिए कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नए-नए शोध करके आगे आएं। यह बातें सोमवार को सीएसए के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कही।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) सोमवार को अपना 23वां दीक्षांत समारोह मना रहा है। मुख्य अतिथि कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद कुलाधिपति की अनुमति से विश्वविद्यालय का रिपोर्ट कार्ड पेश किया गया और छात्रों को डिग्रियां व मानद उपाधियां दी गईं। राज्यपाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग किसान के बेटे हैं और नई-नई तकनीकों का इजाद कर किसानों को लाभान्वित करने का काम करें। इससे जहां किसानों की आमदनी बढ़ेगी तो वहीं आप लोगों को रोजगार मुहैया होगा।
उन्होंने गौ आधारित कृषि करने का आह्वान करते हुए कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों को आगे आने के लिए कहा है। इसके साथ ही उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों से एक-एक गांव गोद लेकर जीरो बजट खेती को बढ़ावा देने की अपील की।
आगे कहा कि जिन छात्रों के पास अपनी या पिता की जमीन है, वो गौ आधारित खेती करें। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जरूरी है कि छात्र पढ़ाई के साथ अपने विषय की प्रायोगिक जानकारी जरूर हासिल करें। जब छात्र ये काम करेंगे तो निश्चित तौर पर अन्य किसानों को उनसे प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने यहां सफल किसानों पर आधारित किताब का विमोचन किया। इस किताब में उन 500 किसानों की सफलता की कहानी है, जिनकी वर्ष 2016 क़े बाद से आय दोगुनी हो गई है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश का हर काॅलेज एक-एक गांव को गोद लेंगे तो आने वाले पांच साल में हर गांव विकसित हो जाएगा।