जिसका बुलावा आता है, वही कैलाश आता है : राहुल गांधी

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नई दिल्ली, 5 सितंबर (हि.स.)। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान वहां से सोशल मीडिया पर मानसरोवर झील की तस्वीरें साझा करते हुए कहा है कि ‘जिसका बुलावा आता है, वही कैलाश आता है।’ खास बात ये है कि राहुल गांधी की इस यात्रा को लेकर विपक्षी पार्टियों के अलावा सोशल मीडिया पर विवाद जारी है।
राहुल गांधी ने बुधवार को मानसरोवर झील को बेहद मनोरम बताते हुए ट्वीट कर कहा, ‘मानसरोवर झील का पानी बहुत मंद और शांत है। वो सब कुछ देता है और कुछ नहीं खोता। कोई भी यहां का पानी पी सकता है। यहां द्वेष नहीं है। यही कारण है कि हम भारत में इस पानी की पूजा करते हैं।’
राहुल ने अपनी इस यात्रा को लेकर अपने पहले ट्वीट में लिखा, ‘जब बुलावा आता है तब कोई व्यक्ति कैलाश जाता है। मैं इस बात से बहुत प्रसन्न हूं कि मुझे यह अवसर मिला| इस सुंदर यात्रा में जो देखूंगा, उसे आप लोगों के साथ साझा कर सकूंगा।’
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी बीते 31 अगस्त को मानसरोवर यात्रा के लिए दिल्ली से नेपाल के काठमांडू के लिए रवाना हुए थे। जहां से उन्होंने कैलाश के लिए अपनी 12 दिन की यात्रा का प्रस्थान किया| इस दौरान उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ॐ असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतम् गमय। ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: |‘
हालांकि राहुल गांधी को नेपाल में भी विवादों का सामना करना पड़ा। दरअसल नेपाली मीडिया में ये खबर चली कि राहुल गांधी ने नेपाल पहुंचकर काठमांडू के आनंद भवन स्थिपत वूटू फूड बुटिक में खाना खाया। राहुल गांधी के खाने पर विवाद हो गया कि मानसरोवर यात्रा से पहले उन्होंने मांसाहारी खाना खाया। इस पर कांग्रेस ने जमकर आलोचना करते हुए भाजपा की तुलना राक्षस जैसी शक्तियों से कर दी।


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