जशपुरनगर : मनरेगा से बने डबरी बदल रही किसानों की जिंदगी
जशपुरनगर , 20 दिसंबर (हि.स.)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के तहत् हर हाथ को काम प्रदान कर ग्रामीणों की जिंदगी सतत बदल रही है। मनरेगा से जुड़कर ग्रामीणों को जो आर्थिक संसाधन प्राप्त हुए हैं, उनसे उनकी आर्थिक स्थिति में काफी वृद्धि हुई हैं। गांव-गांव में मनरेगा से ज्यादा से ज्यादा हितग्राहीमूलक कार्य शुरू किए जा रहे हैं। इससे हितग्राहियों को लंबे समय तक फायदा देने वाले संसाधन के साथ ही स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों को सीधे रोजगार मिल रहा है।
जिले के दूरस्थ अंचल ग्राम पंचायत कासांबेल के निवासी लघु किसान अयोध्या राम और उसका परिवार डबरी निर्माण से नियमित रोजगार पाकर आत्मनिर्भर हो गए। अयोध्याराम जिसका परिवार इस योजना के तहत पंजीकृत है। रोजगार गारंटी योजना में जुड़कर शुरू से काम करती रही है, लेकिन जब उन्होंने यह जाना कि उनकी अपने भूमि पर डबरी का निर्माण हो सकता है तो उनके लिए तरक्की की नई राह खुल गई। मनरेगा योजना के तहत डबरी निर्माण कर वे खेती किसानी, के साथ ही मछली पालन एवं साग-सब्जियों का उत्पादन कर सफलता पूर्वक जीवन यापन कर आमदनी प्राप्त कर रहे है।
हितग्राही अयोध्याराम ने बताया कि उनके पास लगभग 4-5 एकड़ कृषि योग्य भूमि थी। जिसमें वे खेती कर अपने नौ सदस्यीय परिवार का जीवन यापन करते थे। उनके जीवन निर्वाह का मुख्य साधन खेती एवं मजदूरी ही था। सिंचाई साधन न होने के कारण वे धान की खेती के बाद दोहरी फसल या सब्जी का उत्पादन नहींं कर पाते थे। इससे उन्हें अत्याधिक आर्थिक नुकसान होता था। उनके मन में हमेशा कृषि के माध्यम से ही आगे बढ़ने की इच्छा थी। इसके लिए वे गांव के सरपंच सचिव से शासन की योजनाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अयोध्या को बताया कि मनरेगा योजना के तहत खेत में डबरी निर्माण कर अपनी आय को बढ़ा सकते है। स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें मनरेगा योजना के तहत डबरी निर्माण के कार्य के लिए प्रोत्साहित किया और उनके खेत में डबरी निर्माण के लिए दो लाख 134 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके उपरांत अयोध्या के खेत में डबरी निर्माण हो जाने से वर्षा के पानी को एकत्र कर उन्होंने अपने खेतों के सिंचाई के लिए पानी का उपयोग किया जाने लगा। अब उन्हें सिंचाई के लिए बरसात के पानी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। उन्होंने बताया कि डबरी निर्माण से भू-जल स्तर में भी बढ़ोत्तरी हुई है। अब वे अपने खेत में धान की फसल के बाद मौसमी साग-सब्जी एवं दाल का भी उत्पादन कर रहे है। जिससे उन्हें आर्थिक लाभ हो रहा है।
किसान ने बताया कि विगत 3 माह में सब्जियों के उत्पादन से ही लगभग 25 हजार की आमदनी हुई है। साथ ही उन्होंने अतिरिक्त आमदनी के लिए अपने डबरी में मछली पालन का कार्य प्रारंभ किया है। उन्होंने अपने डबरी में मत्स्य विभाग से पांच किलो मछली बीज लेकर डाला है जिससे उन्हें लगभग 60 हजार पालन रुपये का आमदनी होने की संभावना है। इसके अलावा वे डबरी के मेढ़ पर विभिन्न प्रकार के दलहन फसलें अरहर, साग-सब्जी सहित अन्य उत्पादन कार्य कर रहे है।