जलमार्ग से जुड़ी एक और उपलब्धि: रामनगर बंदरगाह से 16 कंटेनर कोलकाता रवाना

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वाराणसी, 12 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जल परिवहन के क्षेत्र में एक बार फिर मंगलवार का दिन खास बन गया। रामनगर राल्हूपुर में बने बंदरगाह (मल्टी मोडल टर्मिनल) से दुनिया की शीर्ष कंटेनर शिपिंग कंपनी मर्स्क लाइन के 16 खाली कंटेनर ​को विभागीय अफसरों ने हरी झंडी दिखाकर कोलकाता के लिए रवाना किया।
गंगा में बने राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर पहली बार वैश्विक कम्पनी के कंटेनर चलने से अंतर्देशीय जलमार्ग का उपयोग अन्य कंटेनर कम्पनियां भी कर सकेंगी। जल मार्ग विशेषज्ञ मर्स्क भारत में आकर अंतर्देशीय जल परिवहन से जुड़ने को बड़ी उपलब्धि और संभावना के रूप में देख रहे हैं। माना जा रहा है कि कंटेनर कार्गो परिवहन में हैंडलिंग लागत कम होती है, मॉडल शिफ्ट आसान होता है। चोरी और क्षति कम होती है। सालाना लगभग 12 मिलियन कंटेनर का आवागमन कराने वाली वैश्विक कंटेनर शिपिंग कंपनी के आने के बाद गंगा के आंतरिक इलाकों से सीधे बांग्लादेश और उसके भीतरी क्षेत्र के रास्ते बंगाल की खाड़ी होते विश्व भर में कार्गो सेवा शुरू हो जाएगी।
गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के पहले मल्टी मॉडल टर्मिनल को पिछले साल 12 नवम्बर को राष्ट्र को समर्पित किया था। साथ ही कोलकाता से वाराणसी आए पहले कंटेनर कार्गो को भी रिसीव किया था। केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी अगस्त 2016 में हल्दिया से वाराणसी तक मारुति कार की एक खेप को हरी झंडी दिखाई थी। तब से राष्ट्रीय जलमार्गों के कई खंडों पर 15 प्रायोगिक आवाजाही पूरी हो चुकी हैं। गंगा नदी में मर्स्क के कंटेनर के पूर्व पेप्सिको, इमामी एग्रोटेक, इफको फर्टिलाइजर, डाबर इंडिया के कंटेनर आ जा चुके हैं।
विश्व बैंक की तकनीकी और वित्तीय सहायता से केंद्र की मोदी सरकार हल्दिया से वाराणसी (1390 किलोमीटर) तक 5369 करोड़ रुपये से जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) के तहत राष्ट्रीय जलमार्ग एक गंगा नदी में विकसित कर रही है। 


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