जब वाजपेयी ने तीन मिनट में दिया गुड गवर्नेंस का संदेश

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-वाजपेयी की स्मृति पर शुरू हुआ मूक-बधिरों तक बात पहुंचाने का प्रयास

-चंडीगढ़ निगम प्रभारी ने पूर्व प्रधानमंत्री को किया याद

चंडीगढ़, 25 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव प्रभारी विनोद तावड़े ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि वाजपेयी सही मायने में गुड गवर्नेंस का प्रतीक हैं। तावड़े ने जारी वीडियो संदेश में पहली बार मूक-बधिरों की सुविधा के लिए साइन लैंग्वेज का इस्तेमाल किया है। उन्होंने अपनी बात अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया है।

हरियाणा प्रवास पर आए विनोद तावड़े ने कहा कि वर्ष 1999 में वह भाजपा मुंबई के अध्यक्ष थे। वहां उस समय मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट करीब तीन साल से अटका हुआ था। यह तय नहीं हो पा रहा था कि अर्बन ट्रांसपोर्ट के लिए रेल मंत्रालय कर्ज लेगा या वित्त मंत्रालय कर्ज लेगा।

केंद्र में जब वाजपेयी सरकार आई तो भाजपा अध्यक्ष होने के नाते वह तथा महाराष्ट्र के नेता प्रमोद महाजन उनसे बैठक करने के लिए गए। बैठक में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा तथा रेल मंत्री नीतीश कुमार को भी बुलाया गया। भाजपा अध्यक्ष होने के नाते जब वह अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट की जानकारी वाजपेयी को देने लगे तो उन्होंने बीच में रोकते हुए अपने पास बिठाकर प्रोजेक्ट को समझा और महज तीन मिनट में कहा कि रेल मंत्रालय कर्ज लेगा और वित्त मंत्रालय इसकी गारंटी देगा। अटल जी ने गुड गवर्नेंस के माध्यम से यह फैसला देकर तीन साल से लटके प्रोजेक्ट को पंख लगा दिए।

विनोद तावड़े ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से यह सीखने को मिलता है कि संगठन का क्या महत्व है। राजनीति में रहकर समाज के लिए काम करते समय किन-किन विषयों का महत्व होता है और उन्हें कैसे जनहित में सुलझाया जाता है। यही सही मायने में गुड गवर्नेंस हैं।


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