जनविश्वास यात्राओं के जरिये आधे से ज्यादा उप्र को मथ चुके भाजपा नेता
यात्राओं से भाजपा साध रही ‘जनविश्वास’, सत्ता में वापसी की राह हो रही आसान
– यात्राओं में भीड़ से पार्टी के रणनीतिकार गदगद, जनविश्वास को साधने की उम्मीद
लखनऊ, 28 दिसंबर (हि.स.)। प्रदेश के छह जिलों में 19 दिसम्बर से शुरू हुई जनविश्वास यात्राओं के जरिये चुनावी रथ पर सवार भाजपा नेता आधे से ज्यादा उप्र मथ चुके हैं। भाजपा को उम्मीद है कि वह इनके माध्यम से एकबार फिर जनविश्वास को साध सकेगी। यात्राओं में जुट रही भीड़ से जहां भाजपा के रणनीतिकार गदगद हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं को भी नए माहौल के मुताबिक लड़ाई के लिए तैयार कर रही है। एक ओर प्रधानमंत्री मोदी पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम और मध्य उत्तर प्रदेश में माहौल बना रहे हैं, तो दूसरी ओर पार्टी के अन्य राष्ट्रीय और स्थानीय चेहरे भी जनता से जुड़े मुद्दों को उछालकर नब्ज भी टटोल रहे हैं। इसको ही आधार बनाकर पार्टी अभी से दूसरे चरण के कैम्पेन की रणनीति बना रही है।
आधे से ज्यादा यूपी नाप आई भाजपा
जनविश्वास यात्राएं आधा से ज्यादा यूपी नाप चुकी हैं। सभी छह यात्राएं अबतक आठ हजार 391 किमी चल चुकी हैं। सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में यात्रा जाएगी। अब तक यात्रा की पहुंच में प्रदेश की 247 विधानसभा सीटें आ चुकी हैं। इनमें भाजपा के 67 सांगठनिक जिले आते हैं। यात्राओं के माध्यम से भाजपा अबतक दो हजार 173 स्वागत सभाएं, 593 छोटी सभाएं, 38 बड़ी सभाएं कर चुकी है।
राष्ट्रीय स्थानीय चेहरे बना रहे माहौल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो हर यात्रा में एक से दो सभाएं कर चुके हैं। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, धर्मेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, स्मृति ईरानी, महेंद्र नाथ पांडेय, पंकज चौधरी, संजीव बालियान, जनरल वीके सिंह, बीएल वर्मा, एसपी सिंह बघेल, साध्वी जिरंजन ज्योति, भानु वर्मा के साथ योगी सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेश सरकार में मंत्री श्रीकान्त शर्मा, ब्रजेश पाठक, सूर्य प्रताप शाही, महेंद्र सिंह, भूपेंद्र चौधरी, लक्ष्मी नारायण चौधरी, सतीश महाना, सिध्दार्थ नाथ सिंह समेत पूरी कैबिनेट यात्रा में सभा करके उसके साथ चल रहे हैं।
मुद्दे उछाल कर टटोल रहे उप्र की नब्ज
मुख्यमंत्री पिछली सरकार के गुंडाराज, भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रहे हैं तो केंद्रीय नेता मोदी और योगी राज में किये गए विकास के कार्यों को गिना रहे हैं। केशव प्रसाद मौर्य मथुरा का नाम लेकर हिंदुत्व के मुद्दे को भी हवा दे रहे हैं। अतीक, मुख्तार, आजम खान को जेल भेजने का श्रेय भी भाजपा लेकर बहुसंख्यकों को अपने पाले में बुलाने का भी काम कर रही है। यात्रा के बीच ही मुख्यमंत्री ने गत रविवार को अतीक के कब्जे से छुड़ाई गई जमीन पर गरीबों के आवास बनाने के लिए भूमि पूजन किया है। अखिलेश के जिन्ना का नाम लेते ही भाजपा ने उसे लपककर मुद्दा बना लिया। सभी नेता गरीब, पिछड़ों, दलितों, वंचितों और महिलाओं के लिए किए गए काम गिना रहे हैं।
सपा-बसपा अभी पीछे
भाजपा के धुंआधार अभियान के मुकाबले सपा बसपा अभी काफी पीछे हैं। जहां अखिलेश यादव केवल एक दर्जन जिलों तक ही जा पाए हैं, वहीं बसपा केवल सतीश मिश्र के सहारे आगे बढ़ रही है। भाजपा ने मैदान में अपनी जम्बो टीम उतार रखी है। भाजपा की यह टीम शहर, गांव, गलियों तक पार्टी की रीति-नीति और केन्द्र-प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को पहुंचा रही है।