छत्तीसगढ़ में एक जून से ई-वे बिल होगा अनिवार्य
अम्बिकापुर 25 मई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में एक जून से ई-वे बिल लागू हो रहा है। इन्ट्रा स्टेट बिल एक राज्य के भीतर सामान को लाने ले जाने पर लगने वाला कर है। सामान का मूल्य 50 हजार रुपए से अधिक हो तो कितनी भी दूरी क्यों न जाना पड़े, व्यवसायी को ई-वे बिल जनरेट करना अनिवार्य होगा। सहायक आयुक्त राज्य कर सरगुजा वृत अम्बिकापुर ने बताया है कि जिसने ई-वे बिल में पंजीयन कराया है वह ई-वे बिल जनरेट कर सकता। पंजीयन के लिए जी.एस.टी. में यूआरडी आम नागरिक जिनके पास आधार है वह ई-वे बिल में पंजीयन करा सकते हैं। सामान के पहले जनरेट करना होगा ई-वे बिल जब किसी के द्वारा वाहन से सामान लादकर भेजा जाता है तो उससे पहले ही ई-वे बिल जनरेट करना होगा। ई-वे बिल का पालन नहीं करने पर कर एवं पेनाल्टी आरोपित की जायेगी। मकान बनाने के लिए सामान घर लेकर जा रहे हैं और उस सामान की कीमत 50 हजार से अधिक है तो ई-वे बिल जरूरी है। ई-वे बिल के फायदे सहायक आयुक्त ने बताया है कि बेचने और खरीदने वाले तथा ट्रान्सपोर्टर में से कोई भी ई-वे बिल जनरेट कर सकता है, यदि माल 50 हजार से कम का है तो बिल अप सप्लाई, इन्वाईस, डिलवरी, चालान रखना जरूरी है और यदि 50 हजार से अधिक का सामान है तो इस सब के साथ ई-वे बिल होना अनिवार्य है। ऐसा करने से खरीदी-बिक्री बिल्कुल साफ होगी, व्यापार में पारदर्षिता आएगी, शासन को टैक्स मिलेगा जिससे रिवेन्यू बढे़गा। ई-वे बिल एक प्रकार का इलेक्ट्रानिक बिल होता है, जिसमें भेजने वाले और प्राप्त करने वाले माल और उस पर लगने वाले पूरी जीएसटी की जानकारी होगी। ई-वे बिल के आधार पर कर्मचारी चेक करेंगे की जीएसटी लगा है या नहीं। ई-वे बिल के पंजीयन में किसी भी प्रकार की समस्या हो तो व्यवसायी वाणिज्यिक कर कार्यालय में आकर अपना पंजीयन करा सकते हैं।