ग्वालियर में है अटलजी का मंदिर, यहां रोज होती है पूजा-अर्चना
ग्वालियर, 18 अगस्त (हि.स.)। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से लोग किस कदर प्यार करते थे, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उनके विचारों से प्रभावित होकर लोगों ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर में उनका मंदिर बना दिया। मंदिर में प्रतिदिन भजन-आरती के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। मंदिर में पुजारी भी नियुक्त है। फिलहाल इस मंदिर में प्रतिमा नहीं लगी है, तस्वीर रखकर पूजा की जाती रही है।
अधिवक्ता विजय सिंह चौहान ने सत्यनारायण की टेकरी पर हिंदी माता मंदिर बनाया है। इसके पास ही 1995 में अटल बिहारी वाजपेयी के मंदिर का निर्माण भी कराया गया था। चौहान का कहना है कि आने वाली पीढ़ी को पता होना चाहिए कि अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर में पढ़े-लिखे और उन्होंने पूरी दुनिया में नाम कमाया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण दिया, जिसे पूरी दुनिया ने सुना था। हिंदी साहित्य में उनका योगदान याद रखने के लिए मंदिर बनाया गया है। अटल बिहारी की अष्ट धातु की प्रतिमा बनवाई गई थी, लेकिन पास ही बने मंदिर में हिंदी माता की मूर्ति चोरी हो गई थी। कहीं अष्टधातु की प्रतिमा भी चोरी न हो जाए इसलिए इसे मंदिर में स्थापित न कर अटलजी को भेंट कर दी गई थी।
तीन माह में स्थापित होगी प्रतिमा
वर्तमान में उनकी लाल पत्थर की प्रतिमा तैयार कराई जा रही है, जो अगले तीन महीने में मंदिर में स्थापित की जाएगी। मंदिर संचालक अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से पुरस्कार भी देते हैं। अभी तक करीब 700 लोगों को अटल सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही 21 हजार से अधिक पुस्तकों का वितरण किया जा चुका है, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में लिखा गया है।