गरियाबंद : प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना अंतर्गत गरियाबंद जिला का चयन

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गरियाबंद, 23 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना-पीएमएफएमई अंतर्गत गरियाबंद जिले का चयन किया गया है। भारत सरकार द्वारा राज्य के एकमात्र गरियाबंद जिला में लघु वनोपजों के उत्पादन और संग्रहण को देखते हुए चयन किया गया है। गुरुवार को वन विभाग के ऑक्सन हॉल में इस संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें योजना की आधारभूत जानकारी एवं लघु वनोपज के उत्पादन, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के संबंध में पावर पाइंट प्रस्तुतीकरण किया गया।

कार्यशाला में कलेक्टर निलेश क्षीरसागर ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि जिले के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। जिले में लघु वनोपजों के संग्रहण और गुणवत्ता को देखते हुए इस जिले का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि यहा मिनी फूड पार्क और प्रसंस्करण केन्द्र खोलने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि जिले में लाख, चिरौंजी, सरई बीज का बहुतायत मात्रा में उत्पादन होता है। यहां के सरई बीजों का विदेशों में भरपूर मांग है। यदि स्थानीय स्तर पर प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर इसका वेल्यु एडीशन किया जाए तो बेहतर दाम मिल सकता है। योजना अंतर्गत रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

वन मण्डलाधिकारी मयंक अग्रवाल ने बताया कि पिछले वर्ष 26 हजार क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है, जो कि एक उपलब्धि है। इससे संग्राहकों को 15 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। उन्होंने बताया कि संग्रहण के पश्चात वनधन केन्द्रोें में प्रसंस्करण का सिस्टम बनाया गया है। जिले में संजीवनी केन्द्रों के माध्यम से इसका विक्रय किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष लगभग 3 हजार क्विंटल चिरौंजी का संग्रहण किया गया है।

कार्यशाला में अनुविभागीय अधिकारी विश्वदीप, सीएसआईडीसी के प्रबंध संचालक अनिल श्रीवास्तव, उप संचालक सुरेश केसी, एसआरएलएम के मनोज मिश्रा एवं महिला समूह के सदस्य मौजूद थे।


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