गंभीर आरोपों से घिरे नेपाल के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव

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काठमांडू, 13 फरवरी (हि.स.)। नेपाल के मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा गंभीर आरोपों से घिर गए हैं। लगातार आरोपों के बाद उनके खिलाफ नेपाल की संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है।

मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर जेबी राणा की छवि को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। नेपाल बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने तो यहां कह दिया है कि वे मुख्य न्यायाधीश राणा को देश का प्रधान न्यायाधीश ही नहीं मानते हैं। कई गंभीर आरोप लगने के कारण नेपाल बार एसोसिएशन लगातार मुख्य न्यायाधीश राणा के इस्तीफे की मांग कर रही है। उन पर उच्चतम न्यायालय में न्यायिक माहौल बनाएं रखने में विफल रहने के साथ-साथ आचार संहिता का उल्लंघन करने और जरूरी नैतिक आधार न अपनाने जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं।

नेपाल की संसद के अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार ने बताया कि सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी और माओवादी सेंटर के सांसदों ने मुख्य न्यायाधीश जेबी राणा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दर्ज कर दिया है। नेपाली संसद के एक विधायक ने बताया कि सत्तारूढ़ पार्टी के साथ गठबंधन सहयोगियों के सांसद न्यायाधीश राणा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर एक साथ सामने आए।

इस प्रस्ताव पर करीब 100 सांसदों ने मिलकर हस्ताक्षर किए हैं। कानून मंत्री दिलेंद्र प्रसाद बडू के नेतृत्व में सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य मुख्य न्यायाधीश राणा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लेकर संसद सचिवालय पहुंचे। मुख्य न्यायाधीश शमशेर राणा के खिलाफ लंबे अरसे से महाभियोग प्रस्ताव दर्ज करने की मांग उठाई जा रही थी। उन पर आचार संहिता के उल्लंघन के भी आरोप लगाए गए हैं।


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