खजनी (सु) सीट : भाजपा के तिलिस्म को तोड़ने की राह खोज रहे विपक्षी दल

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नफा-नुकसान के आंकलन में लगी हैं विपक्षी पार्टियां

– कार्यकर्ताओं के बूते डिजिटल प्रचार-प्रसार में जुटे हैं नेता

गोरखपुर, 18 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की खजनी (सुरक्षित) विधानसभा सीट पर वर्ष 2017 में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2012 चुनाव परिणाम भी भाजपा के पक्ष में ही रहा। हालांकि यहां जीत हासिल करने को सभी दल हाथ-पांव मार रहे हैं। डिजिटल तरीके को अपनाकर कार्यकर्ताओं के सहयोग से अभी दल मतदाताओं के पास पहुंचने की हर जुगत लगा रहे हैं। आइए, इस सुरक्षित सीट के इतिहास पर दृष्टि दौड़ाते हैं।

फिर भी, इस बार खजनी (सुरक्षित) विधानसभा सीट का परिणाम किस पार्टी के खाते में जायेगा, अभी गर्त में है। हालांकि सभी पार्टियां यहां की सीट को अपने खाते में लाने को जी-जान से मेहनत कर रहीं हैं। सभी दलों के कार्यकर्ताओं ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। यह बात अलग है कि अब तक सभी दल केवल एक-दूसरे पर राजनैतिक हमला कर रही हैं।

खजनी विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में सुरक्षित सीट है। वर्ष 2017 में खजनी में 72 प्रतिशत से अधिक वोट पड़े थे। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से संत प्रसाद ने बहुजन समाज पार्टी के राजकुमार को 20 हजार 079 वोटों से हराया था। अब यहां 03 मार्च को चुनाव होने वाले हैं। मतगणना की तारीख 10 मार्च निश्चित है।

खजनी (सु) विधानसभा चुनाव परिणाम 2017

भाजपा के संत प्रसाद 71 हजार 492 मतों के साथ कुल मतों के 38.07 प्रतिशत मतों पर कब्जा कर लिया था। जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशी रूपावती बेलदार ने 42 हजार 085 मतों के साथ अपनी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज कराई थी। बावजूद इसके उस समय सपा का गढ़ माने जा रहे इस विधान सभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार राजकुमार ने 51 हजार 413 मत हासिल किया था और कुल मतदान के 27.38 प्रतिशत हासिल कर सपा के 22.41 प्रतिशत के मुकाबले दूसरे स्थान पर रही। सपा की तीसरे पायदान पर धकेल दिया था।

इस समय निषाद पार्टी की गोरखपुर की राजनीति में धमाकेदार इंट्री ने सबको चौंका दिया था। निषाद पार्टी के उम्मीदवार विद्यासागर ने 11 हजार 289 मतों के साथ 06.01 प्रतिशत मत हासिल किया और चौथे स्थान पर उपस्थिति दर्ज कराने में सफलता हासिल की थी। कांग्रेस के कमांडों कमल किशोर को सिर्फ 4 हजार 653 मतों पर ही संतोष करना पड़ा था। इन्हें सिर्फ 2.48 प्रतिशत मत ही मिल पाए थे।

वर्ष 2012 का चुनाव परिणाम

इधर, वर्ष 2012 में भाजपा के संत प्रसाद ने ही बसपा के राम समुझ को 29 प्रतिशत मतों के सापेक्ष 35 प्रतिशत मतों से हराया था। भाजपा के संत प्रसाद को 57 हजार 920 मत मिले थे, जबकि बसपा के रामसमुझ को 48 हजार 484 मतों पर संतोष करना पड़ा था।


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