क्रूर हुए जंगल के हाथी, ग्रामीण को कुचलकर मार डाला और शरीर के किए कई हिस्से
कोरबा, 12 अगस्त (हि.स.)। हाथियों की क्रूरता अब सिर चढ़कर बोल रही है। इससे लोगों का गुस्सा बेकाबू हो रहा है। बुंदेली गांव के पास जंगल में पिछली रात हुई घटना सबसे अलग रही। यहां एक व्यक्ति को हाथी ने न केवल मार डाला बल्कि उसके हाथ पैर भी अलग-थलग कर दिए। घटना को किस हाथी ने अंजाम दिया, इसका पता नहीं चल सका है। मृतक की पहचान करके रविवार को वन विभाग ने अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को शुरुआती राहत राशि दी है। हाथियों के कारनामों मो से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में डर और नाराजगी बनी हुई है।
वन मंडल कोरबा में हाथियों का उत्पात दिनों दिन बढ़ रहा है। वे मवेशियों के अलावा आम लोगों को निशाने पर ले रहे हैं। गांव से लगे हुए फोकटपारा जंगल में सागोन, सरई, बीजा जैसी वनोपज के अलावा कई अन्य पेड़-पौधे हैं। घने जंगल में लोगों को अपनी आवश्यकता की कई चीजें मिल जाती हैं। इसके अलावा कई अन्य कारणों से भी इस परिसर में ग्रामीणों का आना-जाना रहता है। लोगों को पहले ही चेताया जा चुका था कि इस क्षेत्र में वन्य प्राणियों की आमदरफ्त है, इसलिए वे रात्रि में जंगलों की तरफ जाने से बचे। इस चेतावनी की उपेक्षा करने का नतीजा खेतार निवासी 50 वर्षीय गुलाब सिंह को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ा।
सूत्रों ने बताया कि यह व्यक्ति बुंदेली में रहने वाले अपने एक रिश्तेदार के पास आया हुआ था। रात्रि को यह किस मकसद से जंगल की तरफ गया था, यह उसके रिश्तेदारों को भी नहीं मालूम। रात्रि को जंगल में उसका सामना हाथी से हो गया। हाथी के हमला करने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई। घटना किस कदर हुई होगी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मृतक के हाथ-पैर धड़ से अलग कर दिए गए। आज सुबह शरीर के अवशेष जंगल में अलग-अलग स्थानों में पाए गए। इसके नजदीक ही हाथियों के पैरों के निशान देखे गए। इससे पुष्टि हुई कि घटना को हाथी ने ही अंजाम दिया है।
रिश्तेदारों को जब सुबह अपने यहां रिश्तेदार नहीं दिखा तो खोजबीन के दौरान पता चला कि रात्रि में हाथी के चिंघाड़ने की आवाज नजदीक में सुनाई दी थी। इस आधार पर वनकर्मियों को साथ लेकर वे जंगल पहुंचे तो यह वीभत्स नजारा दिखाई दिया। रजगामार चौकी पुलिस को इस संबंध में वन रक्षक गोस्वामी प्रसाद भैना, धुवेंद्र ध्रुव व अशोक यादव ने जानकारी दी। चौकी प्रभारी एनएस बघेल, कोरबा रेंजर प्रमोद तिवारी स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे। यहां जायजा लेने के साथ मृतक के शव का पंचनामा करते हुए उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
याद रहे, एक सप्ताह पहले बालको रेंज के फूटहामुड़ा में सरगुजा से आए उत्पाती हाथियों ने आंगनबाड़ी भवन की खिड़की तोड़कर अंदर मौजूद एक पहाड़ी कोरवा बालक व महिला को बाहर खींचने के साथ पैरों तले कुचल दिया था। वन मंडल में हाथियों का हिंसक व्यवहार अब वन विभाग के लिए परेशानी का कारण बनता जा रहा है।