कैबिनेट : एक्जिम बैंक को 6 हजार करोड़ के बांड देकर पुनर्पूंजीकरण करेगी सरकार
नई दिल्ली, 16 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) को अतिरिक्त पूंजी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसे सरकार 6 हजार करोड़ के पुनर्पूंजीकरण बांड के माध्यम से दो चरणों में मुहैया कराएगी। इस वित्त वर्ष (2018-19) में साढ़े चार हजार करोड़ और अगले वित्त वर्ष (2019-20 ) डेढ़ हजार करोड़ रुपये की इक्विटी दी जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्रों के अन्य बैंकों को दिए गए बांड के अनुरूप ही इनके नियम और शर्तें होंगी।
पुनर्पूंजीकरण का अर्थ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मामले में एनपीए (डूबे ऋण) को कवर करने के लिए उसके बराबर का पैसा देना है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। भारत सरकार ने भारतीय निर्यात-आयात बैंक अधिनियम 1981 के तहत इस बैंक की स्थापना की थी। एक्जिम बैंक निर्यात ऋण एजेंसी है। इस फैसले से एक्जिम बैंक की आधिकारिक पूंजी 10 हजार करोड़ से बढ़कर 20 हजार करोड़ हो जाएगी।
मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज के फैसले से एक्जिम बैंक की पूंजी और क्षमता दोनों में इजाफा होगा, जिससे निर्यातकों को ऋण देने की प्रक्रिया को गति मिलेगी। इससे निर्यात क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि निर्यात खासकर कपड़ा व्यापार में भारत के पास अभूतपूर्व संभावनायें हैं। इससे कपड़ा क्षेत्र से जुड़े निर्यातकों को भी लाभ होगा। लाइन ऑफ क्रेडिट में निर्यातकों को सुविधा होगी। विदेश से जुड़े भारत के सामरिक हितों को लाभ पहुंचेगा।