केन्द्र सरकार ने कॉलेजियम को लौटाए 3 नाम, पुनर्विचार को कहा

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नई दिल्ली, 25 जून (हि.स.)। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय की कॉलेजियम द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद के लिए दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं के नाम की सिफारिश को दोबारा लौटा दिया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायायलय के न्यायाधीश के लिए भी कॉलेजियम द्वारा भेजे गए एक वरिष्ठ वकील के नाम को भी लौटा दिया है।

केंद्र सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लिए दोनों वकीलों के खिलाफ की गई शिकायत का हवाला देते हुए उनके नाम लौटाए हैं। इन दोनों वकीलों के नाम हैं मोहम्मद मंसूर और बशारत अली खान। मोहम्मद मंसूर सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सगीर अहमद (स्व.) के पुत्र हैं। केंद्र सरकार इससे पहले भी एक बार शिकायतों का हवाला देते हुए मोहम्मद मंसूर और बशारत अली खान के नामों की सिफारिश कॉलेजियम को लौटा चुकी है। ये सिफारिश करीब ढाई साल पहले की गई थीं। करीब ढाई साल तक फाइल को लंबित रखने के बाद सरकार ने पिछले महीने फाइल लौटाई थी लेकिन कॉलेजियम ने उनके खिलाफ शिकायतों को गंभीर नहीं माना और दोबारा नियुक्ति की अपनी सिफारिश दोहराई ।

उल्लेखनीय है कि 22 जून को जस्टिस चेलमेश्वर के रिटायर होने के बाद अब पांच सदस्यीय कॉलेजियम का पुनर्गठन करना होगा। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम पांच न्यायाधीश कॉलेजियम का हिस्सा होते हैं। जस्टिस चेलमेश्वर के रिटायर होने के बाद पांचवे वरिष्ठतम सदस्य होंगे जस्टिस एके सिकरी। अब देखना है कि नई कॉलेजियम इन दोनों नामों पर क्या फैसला लेती है।

कॉलेजियम के नामों को लौटाए जाने पर हमेशा केन्द्र सरकार और न्यायाधीशों के बीच टकराव के रूप में देखा जाता है। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के जज के लिए वकील नजीर अहमद बेग के नाम की सिफारिश भी लौटाने का भी फैसला किया है। तीन अन्य नामों वसीम सादिक नरगल, सिंधु शर्मा और जिला जज राशिद अली डार पर विधि मंत्रालय अभी विचार कर रहा है।


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