केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होगा या उम्मीद बनाये रखेंगे

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नई दिल्ली, 05 अप्रैल (हि.स.)। केन्द्र सरकार में 81 मंत्री हो सकते हैं। अभी प्रधानमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या 74 है। ऐसे में 7 और को मंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन यह प्रधानमंत्री पर निर्भर है कि वह अपना मंत्रिमंडल विस्तार करते हैं या जो है उसी से काम चलाते हैं अथवा अपनी पार्टी व सहयोगी दलों के सांसदों के मन में मंत्री पद की उम्मीद बनाये रखने के लिए जगह खाली रखते हैं। कुछ सांसदों का कहना है कि नवम्बर 2018 में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इन राज्यों में से कुछ को मंत्री बनाया जा सकता है। भाजपा के कुछ सांसदों का कहना है कि यदि 7 को मंत्री नहीं बनाया जायेगा तो कम से कम दो को तो बनाया ही जायेगा, जो तेलगु देशम पार्टी के कोटे के मंत्रियों के इस्तीफा से खाली हुई हैं। इसके लिए छत्तीसगढ़ से राज्यसभा में आईं भाजपा की सरोज पांडेय और राजस्थान से दूसरी बार राज्यसभा सांसद बने भूपेन्द्र यादव के नाम की चर्चा है। कुछ का कहना है कि सरोज पांडेय को सूचना प्रसारण राज्य मंत्री बनाया जा सकता है। इधर भाजपा, नाराज चल रही शिवसेना को राज्यसभा के उप सभापति पद की पेशकश कर रही है। यदि शिवसेना इस पर राजी नहीं हुई तो भूपेन्द्र यादव या उनके ही जैसे किसी को उप सभापति बनाया जा सकता है। शिवसेना राज्यसभा में उप सभापति पद लेने पर राजी नहीं हुई तो उसको केन्द्र में एक और मंत्री पद की पेशकश की जायेगी, लेकिन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की कोशिश तो राज्य में अधिक सीटें तथा मुख्यमंत्री पद लेने की है। इसके लिए भाजपा राजी नहीं हो रही है। म.प्र. सहित कई राज्यों में भाजपा अध्यक्ष भी बदले जाने हैं। ऐसे में संभव है कि उन राज्यों के जो केन्द्र में मंत्री हैं उनमें किसी को राज्य पार्टी प्रमुख बनाया जाये और केन्द्र के मंत्री पद से इस्तीफा दिलवा दिया जाये। जैसे डा.महेन्द्र नाथ पांडेय का किया गया।


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