केजरीवाल और आईएएस अधिकारियों के धरने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई टली
नई दिल्ली, 22 जून (हि.स.)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा उप-राज्यपाल के समक्ष धरना प्रदर्शन और दिल्ली के आईएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल के खिलाफ दायर तीन याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने आज सुनवाई टाल दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों ने काम शुरू कर दिया है और इस मामले में अब कुछ नहीं बचता है।
मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने भी हड़ताल समाप्त कर दी है, इसलिए इस मामले पर अब रोस्टर बेंच सुनवाई करेगी। इन याचिकाओं पर 3 अगस्त को ही रोस्टर बेंच सुनवाई करेगी। पिछले 18 जून को मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों के धरना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि इसे धरना कैसे कहा जा सकता है। हाईकोर्ट ने कहा था कि आप किसी के आवास या दफ्तर में घुसकर धरना कैसे दे सकते हैं। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा था कि आईएएस अधिकारियों ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वीकार किया था कि वे मंत्रियों द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। तब हाईकोर्ट ने कहा कि आप धरना दे रहे हैं। आपको धरना देने की अनुमति किसने दी।
दिल्ली सरकार के वकील ने कहा था कि यह व्यक्तिगत फैसला है। तब कोर्ट ने पूछा था कि क्या यह अधिकृत था। कोर्ट ने 18 जून को आईएएस एसोसिएशन को भी पक्षकार बनाया था। दिल्ली हाईकोर्ट में वक़ील हरिनाथ राम ने एक याचिका दायर कर कहा है कि दिल्ली में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने में नाकाम रहे हैं। वे धरना प्रदर्शन में ही व्यस्त हैं। उनके धरना-प्रदर्शन को खत्म करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए।
मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के धरने के खिलाफ बीजेपी विधायक विजेंदर गुप्ता ने भी याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों के धरना-प्रदर्शन से दिल्ली में प्रशासन का कामकाज ठप पड़ गया है और दिल्ली सरकार पर संवैधानिक संकट भी खड़ा हो गया है ऐसे में धरना प्रदर्शन ख़त्म करवाया जाए।