कुम्भ: संगम की रेती में बहने लगी सरस्वती की धारा
कुम्भ नगर (प्रयागराज ), 27 जनवरी (हि.स.)। तीर्थराज प्रयाग में संगम की रेती पर इस समय आस्था का ज्वार उमड़ पड़ा है। कुम्भ पर्व पर करीब 45 वर्ग किलोमीटर में फैले मेला क्षेत्र में संगम अपने सार्थक स्वरुप में परिलक्षित होने लगा है। गंगा और यमुना के प्रत्यक्ष स्वरुप में अंतःसलिला सरस्वती भी इस समय संतों, महात्माओं और कल्पवासियों के शिविरों से प्रस्फुटित होकर आस्था की त्रिवेणी में प्रवाहित होने लगी हैं।
परमपिता ब्रह्मा जी यज्ञ स्थली पवित्र त्रिवेणी संगम में लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। तैंतीस कोटि देवताओं को साधने के लिए संत व श्रद्धालु स्नान, दान व ध्यान में लीन हैं।
पूरे मेला क्षेत्र में 24 घंटे वेदों के प्रत्यक्ष स्वर गूंज रहे हैं। कर्णप्रिय कीर्तनों की गूंज, मंत्रोच्चार के बीच यज्ञकुंड में पड़ती आहुति से सनातन संस्कृति प्रवाहमान है। हर कोई भक्ति, भजन व दान के जरिए आराध्य की कृपा प्राप्ति को प्रयत्नशील है।
कहीं नागा संन्यासियों की अद्भुत दुनिया तो कहीं कल्पवासियों की कुटिया। सभी आस्था की धारा में मदमस्त गोते लगा रहे हैं। मोरारी बापू, अवधेशानंद गिरि, जगद््गुरु शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवादनंद सरस्वती और शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ जी महाराज समेत समाम संतो ंके शिविरों से रोज प्रवचन और अन्य अनुष्ठानों के स्वर पूरे मेला क्षेत्र में गुंजरित हो रहे हैं।
मकर संक्रांति से आरंभ हुए कुंभ मेले की रौनक दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। भोर में तीन बजे से गंगा व संगम में डुबकी लगाने के बाद संत-महात्मा व श्रद्धालु भजन-कीर्तन में लीन हो रहे हैं। सूर्योदय के बाद रौनक और बढ़ जाती है। संगम के नजदीक लगी अखाड़ो की छावनियां तो श्रद्धालुओं के आकर्षण के मुख्य केंद्र बने हुए हैं। यहां दिन भर श्रद्धालुओं का जमघट रहता है। अखाड़ों के शिविरों में रात दस बजे घंटा-घडियाल के बीच होने वाली आरती माहौल में भक्ति का रस घोलती है। मध्यरात्रि तक देश-विदेश से आए श्रद्धालु धूनी रमाए नागा संन्यासियों को घेरकर उनकी रहस्यमयी दुनिया का राज जानने को आतुर नजर आते हैं।
कुम्भ नगरी में जुटे विदेशी भक्तों को भारतीय धर्म संस्कृति से अवगत कराने के लिए श्रीमद् भागवत कथा का पाठ अंग्रेजी में भी हो रहा है। सेक्टर सात गंगेश्वर स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के शिविर में साध्वी रुचिका भारती विदेशी भक्तों के सामने अंग्रेजी में प्रवचन कर रही हैं। इस शिविर में विदेशी श्रद्धालुओं के अलावा देश के प्रतियोगी छात्रों का भी जमावड़ा लगा रहता है।