कुम्भ में कई बड़े सम्मेलनों की तैयारी, केन्द्र एवं प्रदेश सरकारों को सन्देश देंगे संत
लखनऊ, 06 जनवरी (हि.स.)। प्रयागराज में 15 जनवरी से शुरू होने जा रहे कुम्भ में बड़े संत सम्मेलनों की तैयारी हो रही है। इन सम्मेलनों के माध्यम से सर्वसमाज व केन्द्र एवं प्रदेश सरकार को संत अपना संदेश देने की कोशिश करेंगे।
प्रयागराज के कुम्भ को निर्विवाद सम्पन्न कराने को उत्तर प्रदेश सरकार तैयार है तो वहीं कुम्भ मेले में आने वाले बड़े नामचीन साधु संत बड़े सम्मेलनों के माध्यम से धर्म का राग छेड़ने की तैयारी कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट, केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और जनता के रुख को देखते हुए संतों की ओर से अयोध्या में राम मंदिर, जनसंख्या पर रोक, निर्मल गंगा स्वच्छ गंगा, कुम्भ या अर्धकुम्भ जैसे मुद्दों पर चर्चा किया जाएगा।
शारदा एवं ज्योर्ति पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के आश्रम प्रतिनिधि मयंक जी महाराज ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को बताया कि प्रयागराज के अर्धकुम्भ को सरकार कुम्भ बता रही है। धर्म शास्त्रों से छेड़छाड़ की वजह समझ में नही आती। इसके लिए परमधर्म संसद 1008 की तैयारी हो रही है। प्रयागराज के कुम्भ क्षेत्र में सेक्टर नौ के भीतर आश्रम बन गया है। आगामी 28, 29 और 30 जनवरी को परमधर्म संसद का तीन दिवसीय आयोजन होगा।
उन्होंने बताया कि परमधर्म संसद को लेकर देशभर के आचार्यो, धर्मगुरुओं, मठाधीशों को आमंत्रण किया जा रहा है। इनकी कुल संख्या 1008 होगी, जिसके कारण इस आयोजन का नाम परमधर्म संसद 1008 रखा गया है। इसमें शंकराचार्य जी रहेंगे। उनके साथ स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द जी महाराज भी रहेंगे। संत सम्मेलन में आने वाले संतों द्वारा जनभावनाओं को सरकारों तक पहुंचाया जाएगा।
कुम्भ क्षेत्र में विश्व हिन्दू परिषद की ओर से भी संत सम्मेलन की तैयारी हो रही है। इस बाबत विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि विहिप के केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल की ओर से 31 जनवरी और एक फरवरी को धर्म संसद का आयोजन किया गया है। इस धर्म संसद में 5000 के करीब संतों व साधुओं का रहना होगा।
उन्होंने बताया कि विहिप के संत सम्मेलन में मुख्य रुप से अयोध्या के राम मंदिर का मुद्दा ही छाया रहेगा। राम के नाम पर धोखा देने वालो के खिलाफ विहिप प्रस्ताव ला सकती है। इसके साथ ही राम मंदिर आंदोलन के लिए आगे के कार्यक्रमों की भी घोषणा होगी। शंकराचार्य, महामंडलेश्वरों, आचार्यों, विहिप के कार्यकर्ताओं और मार्गदर्शक मंडल के सदस्यों का संत सम्मेलन में रहना तय है।
कुम्भ क्षेत्र में योग करने वाले संतों को बाबा रामदेव ने अपने कुटिया में आमंत्रित किया है। ये संत कुम्भ में आने वाले लोगों को योग प्रणायाम कराते हुए मिलेंगे। बाबा रामदेव के कुम्भ क्षेत्र में बनने वाली विशालकाय कुटिया में भी संतों की बैठकें होगी। माना जा रहा है कि बाबा रामदेव राम मंदिर निर्माण को लेकर कानून के जानकारों के साथ बैठक कर सकते हैं।