कुम्भ आस्था का चुम्बक, दिव्य-भव्य व्यवस्था काबिले तारीफ: रामनाथ कोविन्द
कुम्भ नगरी (प्रयागराज), 17 जनवरी (हि.स.)। कुम्भनगर में गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने अपने संदेश में कहा कि कुम्भ आस्था का चुम्बक है। यह पूरे विश्व के लिए अनूठा कार्यक्रम है। जिस प्रकार से प्रयागराज की धरती पर दिव्य कुम्भ, भव्य कुम्भ को सफल बनाने का प्रयास किया गया है, वह काबिले तारीफ है। गंगा का ऐसा स्वरूप पहले कभी नहीं देखने को मिला। आज हम अविरल गंगा, निर्मल गंगा की धारा के बीच कुम्भ पर्व में संगम स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं।
कुम्भ मेला क्षेत्र में बने सेल्फी जोन पर पहुंचकर राष्ट्रपति ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के साथ फोटो भी खिंचवाई। सभी कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद राष्ट्रपति अरैल क्षेत्र में बने हेलीपेड से बमरौली एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से अपने विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो गये। उसके पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द गुरुवार को सपत्नी पहुंचे। यहां पर सर्वप्रथम भारद्वाज मुनि आश्रम पहुंचकर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया।
इसके बाद राष्ट्रपति का काफिला कड़ी सुरक्षा के बीच कुम्भ मेला क्षेत्र पहुंचा। यहां पर संगम तट पर पहुंचकर त्रिवेणी दर्शन कर राष्ट्रपति ने सपत्नी मां गंगा की पूजा की। प्रशासन के पुजारी दीपू मिश्रा ने 21 बटुकों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा व आरती सम्पन्न कराई। इस दौरान राष्ट्रपति ने गंगा माता का दूध से अभिषेक किया। उनके साथ उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे।
कुम्भ पर्व पर आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का काफिला सीधे अरैल क्षेत्र में स्थित परमार्थ निकेतन पहुंचा। यहां पर उन्होंने विश्व शान्ति यज्ञ में शामिल होकर प्रथम आहुति दी। इसके बाद ‘पी लो’ पानी मशीन तथा टायलेट पार्क, गांधी फॉर नाऊ, गांधी फॉर यूथ सम्मेलन का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति के कुम्भ भ्रमण कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक, सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, रीता बहुगुणा जोशी, नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी, महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी सहित अन्य वरिष्ठ मंत्रीगण भी उपस्थित रहे।